तेल की बढ़ती कीमतों पर प्रधानमंत्री करेंगे तेल कम्पनियों के साथ बैठक

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तेल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी से जहां जनमानस प्रभावित है, वहीं पर अब सरकार ने भी इसे गंभीरता से देखने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सोमवार को तेल कंपनियों के प्रमुखों से मिलने वाले हैं। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में तेल की कीमतों पर विचार-विमर्श कर जनता को राहत देने वाले फैसले लिए जा सकते हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रविवार को भी वृद्धि जारी रही। सूत्र बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को तेल कंपनियों के प्रमुखों से मिलकर ऊर्जा के वैश्विक परिदृश्य का जायजा लेने वाले हैं। तेल विपणन कंपनियों ने रविवार को फिर तेल के दाम में बढ़ोतरी की। देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 82.72 रुपये प्रति लीटर हो गया। वहीं, डीजल 75.38 रुपये प्रति लीटर बिका।

कोलकाता में पेट्रोल 84.54 रुपये प्रति लीटर हो गया और डीजल 77.23 रुपये प्रति लीटर। मुंबई में रविवार को पेट्रोल की कीमत बढ़कर 88.18 रुपये प्रति लीटर हो गई और डीजल 79.02 रुपये प्रति लीटर बिका। चेन्नई में पेट्रोल का भाव 85.99 रुपये प्रति लीटर था और डीजल 79.71 रुपये प्रति लीटर। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेल और गैस क्षेत्र की प्रमुख वैश्विक और भारतीय कंपनियों के प्रमुखों से मिलकर तेल बाजार के हालात की जानकारी लेंगे क्योंकि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध चार नवंबर से लागू होने जा रहा है।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर  वित्त मंत्री अरुण जेटली बीते दिनों विपक्ष पर निशाना साध चुके हैं। जमकर निशाना साधा है। उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट लिखकर विपक्ष को आड़े हाथों लिया। गैर-भाजपा शासित राज्यों के पेट्रोल-डीजल पर कर राहत देने से इनकार के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने  कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके ‘असंतुष्ट सहयोगियों’ की मंशा पर सवाल उठाया। जेटली ने कहा कि जब आम आदमी को राहत देने की बात आती है तो लगता है राहुल गांधी और उनके सहयोगी दल केवल ट्वीट करने और टेलीविजन ‘बाइट’ देने के लिए ही प्रतिबद्ध हैं।

जेटली ने फेसबुक पर ‘तेल की कीमतें और विपक्ष का पाखंड’ शीर्षक से एक लेख लिखा है। केन्द्र सरकार के पेट्रोल-डीजल के दाम में 2.50 रुपये प्रति लीटर कटौती को ‘खराब आर्थिक प्रबंधन’ बताने वाले विपक्ष की आलोचना करते हुये जेटली ने कहा कि यह उसके (विपक्ष के) पहले के रुख के ऊलट है। उन्होंने कहा कि जब तेल की कीमतें बढ़ती हैं तो राज्यों को अतिरिक्त कर राजस्व प्राप्त होता है क्योंकि राज्यों में कर मूल्यानुसार लिया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘अब ऐसी स्थिति है, जहां कई गैर-भाजपा और गैर-राजग शासित राज्यों ने कर में कटौती कर ग्राहकों को लाभ नहीं पहुंचाया है। लोग इसका क्या निष्कर्ष निकालेंगे?’’ जेटली ने कहा, ‘‘क्या राहुल गांधी और उनके अनिच्छुक सहयोगी जब जनता को राहत देने की बात आती है तो केवल टीवी पर बयान देने और ट्वीट करने के लिए प्रतिबद्ध हैं?’’ उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों की चुनौती काफी गंभीर है और विपक्ष के कुछ नेताओं के बयानों या ट्वीटों से इसका समाधान नहीं हो सकता है. वित्त मंत्री जेटली ने कहा, ‘‘गैर-भाजपा शासित राज्यों को जनता यह स्पष्ट बताना चाहिए कि 2017 और 2018 दोनों समय में उन्होंने जनता को किसी भी तरह की राहत देने से मना कर दिया था, जबकि उनका राजस्व संग्रह ऊंचा था। उन्हें जनता से इसे छिपाना नहीं चाहिए। वे ट्वीट करते हैं और टीवी पर बयान देते हैं लेकिन जब कदम उठाने की बारी आती है तो वह नजरें फेर लेते हैं।’’