वेद: सृष्टी के आदिकाल से ही हैं। इन्हे किसी ने लिखा नही है। यह स्वम भगवान ब्रह्मा के मुख से प्रगट हुये थे। आज जितना विज्ञान है। वह सब हमरे वेदो मे पहले से ही निहित है। जेसे नवग्रह बिज्ञान ने अब जाकर खोजे लेकिन वह तो वेदो ने हजारो सालो पहले ही बता दिया रामायण मे भी प्रमाड़ मिलता है।ओर जब हम इसका अध्यन करते है।तो पाते है की यह मानव निर्मित बुद्धि से परे है। वेद विश्व का सबसे प्राचीन साहित्य है।वेद प्राचीन भारत के पवित्रतम साहित्य हैं जो हिन्दुओं के प्राचीनतम और आधारभूत धर्मग्रन्थ भी हैं। भारतीय संस्कृति में वेद सनातन वर्णाश्रम धर्म के, मूल और सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं, जो ईश्वर का ज्ञान है। ये विश्व के उन प्राचीनतम धार्मिक ग्रंथों में हैं जिनके पवित्र मन्त्र आज भी बड़ी आस्था और श्रद्धा से पढ़े और सुने जाते हैं।
‘वेद’ शब्द संस्कृत भाषा के विद् ज्ञाने धातु से बना है। इस तरह वेद का शाब्दिक अर्थ ‘ज्ञान’ है। इसी धातु से ‘विदित’ (जाना हुआ), ‘विद्या’ (ज्ञान), ‘विद्वान’ (ज्ञानी) जैसे शब्द आए हैं।
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