विजय माल्या देश का पहला आर्थिक भगोड़ा घोषित सरकार जब्त कर सकती है संपत्ति

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विजय माल्या को आर्थिक भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद अब सरकार को उनकी संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार मिल सकेगा। विजय माल्या को लंदन की वेस्टमिन्सटर कोर्ट ने ब्रिटेन सरकार को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है।

पीएमएलए अदालत ने आज 9000 करोड़ रुपये लेकर देश से भागे 62 वर्षीय शराब कारोबारी विजय माल्या को आर्थिक भगोड़ा घोषित कर दिया है। आज विशेष अदालत के फैसले के बाद ये साबित हो गया है कि विजय माल्या भगोड़ा है। अब सरकार उनकी संपत्ति जब्त कर सकती है।

माल्या की संपत्ति जब्त करने पर 5 फरवरी को होगी अदालत में सुनवाई

इससे पहले बीते साल 26 दिसंबर को कोर्ट ने फैसला 5 जनवरी तक के लिए सुरक्षित कर दिया था। वहीं माल्या ने अदालत को बताया था कि वह आर्थिक भगोड़ा नहीं है। साथ ही उसने कहा था कि वह मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में भी शामिल नहीं है।

मामला विशेष अदालत में चला 
प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत में दी याचिका में माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 के तहत ‘भगोड़ा’ घोषित किए जाने का अनुरोध किया था। अर्जी मंजूर हो जाने पर एजेंसी को माल्या की संपत्तियां जब्त करने का अधिकार मिल गया है। वहीं माल्या की ओर से उनके वकील अमित देसाई ने याचिका खारिज करने की मांग की थी।

माल्या के वकील देसाई ने उस दावे का विरोध किया था, जिसमें माल्या को लेकर कहा गया है कि वह मार्च 2016 में एक सम्मेलन के बहाने सामान से भरे 300 बैग लेकर जेनेवा चला गया था। हकीकत में वह देश से भागा था।

प्रत्यर्पण की रजामंदी लंदन से मिल चुकी है 
बता दें कि विजय माल्या इस वक्त लंदन में है और लंदन का कोर्ट भी उनके प्रत्यर्पण के लिए मंजूरी दे चुका है। हालांकि माल्या के पास इसके खिलाफ अपील करने के लिए जनवरी तक का वक्त है।