PM FME Yojna के तहत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के लिए शिखर सम्मेलन का आयोजन

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PM FME Yojna के तहत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के लिए शिखर सम्मेलन का आयोजन

नई दिल्ली- विश्व खाद्य दिवस मनाने के लिए, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमऔपचारिकीकरण (PM FME) योजना के तहत 16 अक्टूबर 2021 को फूड टेक समिट का आयोजन किया। फूड टेक समिट 2021 का उद्देश्य सभी खाद्य-तकनीकी हितधारकों को खाद्य प्रसंस्करण और तकनीकी नवाचार में नए उभरते रुझानों पर जानकारी साझा करने, चर्चा करने और सूक्ष्म उद्यमों को उनसे परिचित कराने के लिए मंच तैयार करना है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री मिन्हाज आलम ने फूड टेक समिट को संबोधित किया और भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास कारक के रूप में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पीएमएफएमई योजना के माध्यम से भारत में खाद्य प्रसंस्करण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। शिखर सम्मेलन में उद्योग जगत के प्रख्यात वक्ताओं ने सूक्ष्म उद्यमों के लिए कई अहम बातें साझा कींऔर घरेलू तथा वैश्विक स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया।

विशिष्ट वक्ताओं में डॉ. प्रसून कुमार दास, महासचिव, एशिया-प्रशांत ग्रामीण और कृषि ऋण संघ (एपीआरएसीए) शामिल रहे जिन्होंने ‘खाद्य सुरक्षा हासिल करने में छोटे खाद्य उद्यमों की भूमिका- भारत बनाम वैश्विक परिप्रेक्ष्य’ के बारे में अपनी बातें कहीं। डॉ. प्रबोध हल्दे, प्रमुख, रेगुलेटरी एंड गवर्नमेंट अफेयर्स मैरिको इंडिया ने ‘स्वदेशी खाद्य- स्केल, मार्केट और सूक्ष्म उद्योगों में इसके प्रसंस्करण’ पर एक सत्र आयोजित किया।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत शुरू की गई, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण (PMFME) योजना एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसका उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित क्षेत्र में मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना, इस क्षेत्र के औपचारिकीकरण को बढ़ावा देना और किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और उत्पादक सहकारी समितियों को उनकी संपूर्ण मूल्य श्रृंखला के साथ सहायता प्रदान करना है।

2020-21 से 2024-25 तक की 5 वर्षों की अवधि में 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करते हुए 2,00,000 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की सीधे सहायता करने की योजना है।

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