सरकारी कार्यक्रम में तू-तू मैं मैं, कुंजवाल बोले हां मैं घमंडी हूं

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जागेश्वर में गौरव VS कुंजवाल

जागेश्वर में राजनीति अब युवा VS कुंजवाल हो चुकी है, सरकार के 5 साल कार्यक्रम में कुंजवाल ने युवा भाजपा नेता गौरव पाण्डे के पिछले कुछ दिनों में दिए बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा वाले मुझपर विकास ना करने का आरोप लगाते हैं, लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि इस विधानसभा में जो भी काम हुआ है, वो मैंने यानी गोविंद सिंह कुंजवाल ने ही किया है। कुंजवाल के द्वारा गौरव पांडे का नाम लेकर ये बात कहने पर मंच पर बैठे  गौरव पाण्डे ने कहा कि काम करना विधायक की ही जिम्मेदारी है, लेकिन जिन गांवों में सड़कें नहीं हैं, उनका क्या, इलाके में हालत बदतर है, इसलिए जननेता को घमंड नहीं करना चाहिए, क्योंकि घमंड तो रावण का भी नहीं रहा, तो इतना सुनते ही कुंजवाल तमतमा गए और उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि हां मैं घमंडी हूं, और भाजपा कभी भी जागेश्वर में चुनाव नहीं जीत सकती ।

जाहिर है कि युवा नेताओं के हालिया बयानों से पिछले 3 दशकों से जागेश्वर की राजनीति के धुरंधर कुंजवाल तमतमा चुके हैं और कहीं ना कहीं, गौरव पाण्डे ने पिछले कुछ समय में ग्रामीण इलाकों में खस्ताहाल सड़कों, स्वास्थ्य सुविधाओं का जो मुद्दा उठाया है, उसे कुंजवाल अपने लिए चुनौती मान ही नहीं रहे हैं स्वीकार भी रहे हैं और स्वीकारते हुए उन्होंने पूरी भाजपा को जागेश्वर विधानसभा में उनका तख्त हिलाने की चुनौती डे डाली है।  और इस कार्यक्रम में इलाके के कांग्रेस विधायक ने मोदी सरकार पर भी जमकर वार किए। राशन अनाज, रोजगार की मोदी सरकार की योजनाओं का क्रेडिट खुद और कांग्रेस को देने की बात कही और हरीश रावत की कांग्रेस सरकार को ही बेहतर बताया। लेकिन ये पहला वाक्या नहीं है जब कुंजवाल ने युवा भाजपा नेता गौरव पाण्डे पर वार किया हो।

नवंबर में रामलीला मंच बना था गौरव VS कुंजवाल का अखाड़ा

12 नवंबर को डूंगरा  का रामलीला मंच भी भाजपा और कुंजवाल के बीच राजनीति का अखाड़ा बन गया था, तब गौरव पाण्डे ने जनता को रामलला का मंदिर पूर्ण होने पर अयोध्या ले जाने की बात कही तो इसपर कुंजवाल के साथी  दीवान सिंह भसौड़ा भी गौरव पाण्डे के इस बयान पर गुस्सा गए थे और कुंजवाल ने राम मंदिर बनवाने का श्रेय कांग्रेस और सुप्रीम कोर्ट को दिया तो जनता भी नाराज हो गई और युवाओं ने जय श्री राम के साथ ही गौरव पाण्डे के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। उसके बाद भी कुंजवाल नाराज हो गए थे।