मालदीव के विदेश मंत्री का भारत दौरा, क्या भारत और मालदीव के रिश्तें एक बार फिर पहले जैसे होंगे

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मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी की डेडलाइन से एक दिन पहले विदेश मंत्री मूसा ज़मीर के भारत आने को दोनों देशों के मौजूदा रिश्तों में एक नए मोड़ की तरह देखा जा रहा है. मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी की डेडलाइन से एक दिन पहले विदेश मंत्री मूसा ज़मीर के भारत आने को दोनों देशों के मौजूदा रिश्तों में एक नए मोड़ की तरह देखा जा रहा है.

मूसा ज़मीर की भारत यात्रा से पहले मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहिम फै़सल भारतीय पर्यटकों से मालदीव आने की अपील कर चुके हैं. उन्होंने कहा है कि भारत और मालदीव के रिश्तों का इतिहास रहा है. भारत ने पहले भी उनके देश की मदद की है और एक बार फिर दोनों देश मिल कर काम करना चाहते हैं.

दरअसल इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर मालदीव के कुछ अधिकारियों की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद भारतीय पर्यटकों के बीच ‘मालदीव बायकॉट’ का अभियान चला था. इसके बाद वहां जाने वाले भारतीयों की संख्या काफी घट गई है.

जनवरी 2023 में मालदीव पहुंचने वाले पर्यटकों में भारतीय रूसियों के बाद दूसरे स्थान पर थे. लेकिन विवाद के बाद जनवरी 2024 में भारतीय पर्यटकों की संख्या घट कर पांचवें नंबर पर आ गई. मालदीव की जीडीपी में पर्यटन की हिस्सेदारी 30 फ़ीसदी है. साथ ही उसकी 60 फ़ीसदी विदेशी मुद्रा पर्यटन उद्योग से ही आती है. लिहाज़ा भारतीय पर्यटकों को अपने यहां आने की उसकी अपील को उसकी गिरती अर्थव्यवस्था संभालने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. साथ ही मालदीव के विदेश मंत्री की इस यात्रा को भी भारत से रिश्ते सुधारने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.