जानिए क्या था, ‘काला पत्थर’ फिल्म का राज…

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बॉलीवुड के अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने अब बीजेपी छोड़ कग्रेंस मे शामिल हो चुके है। बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ बगावती की काफी चर्चाए सुर्खियो में है। बता दें कि शत्रुघ्न सिन्हा हमेशा से बेबाक रहे हैं।

जब वे फिल्मों में काम करते थे तब भी उनका ये रवैया देखने को मिलता था। अमिताभ बच्चन संग उनके तल्ख़ रिश्ते काफी समय तक चर्चा में रहे। आपको बता दें कि 80 के दशक में अमिताभ और शत्रुघ्न के काफी सुपरहिट फिल्मे मे एक साथ काम भी किया था।

उन्होने लिखा हैं। कि फिल्म ‘काला पत्थर’ के एक फाइट सीक्वेंस में अमिताभ ने मुझे बुरी तरह मारा वो मुझे तब तक मारते रहे जब तक शशि कपूर ने बीच में आकर हमें अलग नहीं किया। मुझे इस सीन के बारे में कुछ नहीं बताया गया था।

“काला पत्थर के सेट पर, अमिताभ के बगल वाली कुर्सी कभी मुझे ऑफर नहीं की गई, ना ही उनका छाता कभी मुझसे शेयर किया गया। हम लोकेशन से एक ही होटल में जाते थे। अमिताभ अपनी गाड़ी में बैठकर होटल जाते थे, लेकिन कभी नहीं कहते कि चलो साथ चलते हैं। मुझे ये बहुत अजीब लगता मैं सोचता ऐसा क्यों हो रहा था क्योंकि मैंने कभी उनके कोई शिकायत नहीं रखी।

फिल्म ‘काला पत्थर’ डायरेक्टर यश चोपड़ा, अमिताभ बच्चन, शशि कपूर और राइटर जोड़ी सलीम-जावेद की एक साथ चौथी फिल्म थी। इससे पहले इन्होंने ‘दीवार’ (1975), ‘कभी-कभी’ (1976) और ‘त्रिशूल’ (1978) में साथ काम किया था। इन लोगों की पिछली तीनों फ़िल्में सुपरहिट रही थीं, लेकिन ‘काला पत्थर’ बॉक्स-ऑफिस पर कुछ ज़्यादा सफल नहीं हुई।

साल 1979 में एक फिल्म आई थी – ‘काला पत्थर’ ये कहानी कोयले की खदान में काम करने वाले मजदूरों, उनकी बुरी हालत, पूंजीवादी मालिकों की मनमानी और धनबाद में एक कोयला खदान में हुए हादसे से प्रेरित थी।

बड़ी स्टारकास्ट वाली इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, शत्रुघ्न सिन्हा, संजीव कुमार, शशि कपूर, राखी, परवीन बाबी और नीतू सिंह जैसे नाम थे और यश चोपड़ा जैसे डायरेक्टर ने इसे रचा था, बावजूद इसके फिल्म सिनेमाघरों में औसत रही. यहां याद कर रहे हैं इसकी मेकिंग और फिल्म से जुड़ी कुछ दूसरी ख़ास बातें तो शुरू करते हैं।

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा “मैंने अमिताभ बच्चन की वजह से कई सारी फिल्में छोड़ी और साइनिंग अमाउंट तक वापस किया।