ज्यादातर लोगों ने शादी करने के लिए किया धर्मांतरण, रजिया उमर का दावा-पति बेकसूर

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धर्मांतरण ज्यादातर लोगों ने शादी करने के लिए किया

धर्मांतरण- ज्यादातर लोगों ने शादी करने के लिए किया  धर्म परिवर्तन मामले में मौलाना उमर गौतम और जहांगीर आलम कासमी की गिरफ्तारी के बाद पूरे जामिया  नगर के लोग सख्त नाराज हैं। उनका कहना है कि बिना सबूत की ही पुलिस ने बेकसूरों को गिरफ्तार किया है।  स्थानीय लोगों का कहना था कि जानबूझकर राजनैतिक फायदा उठाने के लिए यह सब किया जा रहा है।

वहीं, यूपी पुलिस की एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए मौलाना उमर गौतम की पत्नी रजिया उमर ने अपने पति को बेकसूर बताया है। उनका कहना है कि पुलिस के पास उनके पति के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। जानबूझकर उनको फंसाया जा रहा है। अदालत पर उनको पूरा भरोसा है। यदि उनके पति के खिलाफ सबूत मिले तो उनको सजा जरूर दी जाए। उनके पति ने किसी को धर्म परिवर्तन के लिए नहीं कहा।

मौलाना की संस्था इस्लामिक दावाह सेंटर

ज्यादातर लोग शादी करने के लिए अपना धर्मांतरण बदलते हैं। मौलाना की संस्था इस्लामिक दावाह सेंटर (आईडीसी) कानूनी प्रक्रिया के बाद ही ऐसे लोगों की मदद करती है। रजिया ने आरोप लगाया कि उनके पति को धोखे से मसूरी बुलाकर गिरफ्तार किया गया है। उनके पति ने आज तक कानून के बाहर कुछ भी नहीं किया है।उमर गौतम की पत्नी रजिया ने आरोप लगाया कि पूरा मामला डासना स्थित देवी मंदिर के पुजारी स्वामी नरसिंहानंद सरस्वती से शुरू हुआ। दरअसल इस्लाम धर्म स्वीकार करने वाला नागपुर का युवक विपुल विजयवर्गीय अपने साले मोहम्मद कासिफ के साथ स्वामी के पास पहुंचा था।

इन्होंने स्वामी को समझाकर इस्लाम को बुरा न कहने के लिए कहा था। रजिया का आरोप है
कि उसके बाद ही यूपी पुलिस एक्टिव हुई।
बृहस्पतिवार को पूछताछ के बहाने पहले उमर गौतम को मसूरी थाने बुलाया गया।
वहां देर रात को उनका मोबाइल जमा कर छोड़ दिया गया।
बाद में बुलाने पर दोबारा आने के लिए कहा गया।
शनिवार को उमर से पासपोर्ट, अकाउंट की डिटेल व पासबुक मंगाई गई।
इसके बाद परिवार को बिना सूचना दिए
उनको लखनऊ ले जाया गया।रजिया ने बताया कि विपुल व काशिफ से मौलाना उमर का कोई लेना देना नहीं था।
विजय फरीदाबाद में उमर के एक कार्यक्रम में बस आया था।

रजिया उमर

रजिया का कहना है कि न तो उनका पाकिस्तान और न ही आईएसआई से कोई लिंक है। मौलाना को बस पूछताछ के लिए बुलाया गया था। रजिया ने एक हजार लोगों के धर्म परिवर्तन करवाने की बात से भी इंकार किया।उनका कहना था कि इस्लाम धर्म करने के लिए किसी से जबरदस्ती नहीं की जाती। लोग अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल करते हैं।
इनमें बड़ी संख्या शादी के लिए धर्म बदलने वाले लड़के-लड़कियों की होती है।
मौलाना के बैंक खातों व आईडीसी के खातों से इसका पता चल जाएगा कि उनकी विदेशी फंडिंग हुई या नहीं।