गणतंत्र दिवस पर देवभूमि उत्तराखंड की झांकी मानसखंड ने चुराया सबका दिल

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इस बार गणतंत्र दिवस पर देवभूमि उत्तराखंड की झांकी मानसखंड ने चुराया सबका दिल, हासिल किया प्रथम स्थान

देहरादून- गणतंत्र दिवस परेड को अभी तक राजपथ के नाम से जाना जाता था, किंतु इस वर्ष उसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ रखा गया। नाम बदलने के बाद कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की ये पहली परेड थी, जिसमें उत्तराखंड की झांकी मानसखंड को देश में प्रथम स्थान मिलने से इतिहास के पन्नों पर उत्तराखंड राज्य का नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज हुआ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि ये उपलब्धि हम सबके लिए गौरवशाली पल है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पुराणों में गढ़वाल का केदारखंड और कुमाऊं का मानसखंड के रूप में वर्णन किया गया है। स्कंदपुराण में मानसखंड के बारे में बताया गया है। जागेश्वर मंदिर की बहुत धार्मिक मान्यता है। प्रधानमंत्री ने हमेशा अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने की बात कही है। मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत चार धाम की तर्ज पर कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों को भी विकसित किया जा रहा है।

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आपको बता दें गणतंत्र दिवस पर इतनी सुंदर झांकी का टाइटिल ‘मानसखंड’ को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने सुझाया था। उन्होंने मंदिर माला मिशन के अंतर्गत मानसखंड के रूप में इस विषय का सुझाव दिया था। ऐसा होता है झांकी का अंतिम चयन सितंबर माह में भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों एवं मंत्रालयों से प्रस्ताव मांगे जाते हैं।अक्टूबर तक राज्य सरकारें विषय का चयन कर प्रस्ताव भारत सरकार को भेजती है। उसके बाद भारत सरकार राज्यों को प्रस्तुतिकरण के लिये आमंत्रित करती है।