कोरोना के कारण बंद हुए पर्यटन से टूटे कारोबारी और ठेकेदारों ने सरकार से मांगी राहत

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कोविड की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले घटने के बाद भी सरकार की चिंता बढ़ने वाली है। महामारी से प्रभावित कारोबारियों ने करों में राहत देने अथवा सीधे नगद राहत मुहैया कराने की मांग जोरशोर से उठानी शुरू कर दी है । महामारी की वजह से पर्यटन नगरी नैनीताल में लगातार दूसरे साल व्यापारियों के साथ ही होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी, टूर एंड ट्रेवल्स, गाइड, नौका चालक, आउटडोर फोटोग्राफर का धंधा बुरी तरह प्रभावित रहा। होटल रेस्टोरेंट के करीब तीन हजार कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ी। उन्हें गांव लौटनी पड़ी तो अन्य छोटे दुकानदार जैसे-तैसे शहर में घर की जरूरत पूरी कर रहे हैं। इन प्रभावितों को उम्मीद है कि सरकार जरूर राहत प्रदान करेगी। 2022 में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार के सामने बड़ी चुनौती है।नैनीताल में लेक ब्रिज टैक्स व पार्किंग ठेकेदारों ने नुकसान की भरपाई के लिए गोलबंद होना शुरू कर दिया है। उधर प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल बकायदा छोटे दुकानदारों को राहत के लिए आज सरकार को ज्ञापन भेजेगा। संगठन की तल्लीताल शाखा के अध्यक्ष मारुति साह व महामंत्री अमनदीप सिंह ने कहा कि कोविड काल में व्यापारी तबका बुरी तरह प्रभावित है। उधर सूखाताल में पहली बार जिला विकास प्राधिकरण की पार्किंग का ठेका हुआ था। पार्किंग ठेकेदार प्रदीप बोरा का कहना है कि पहली अप्रैल से पार्किंग संचालन बंद कर दिया गया था। कार पार्किंग 180 वाहनों के लिए है जबकि उन्हें सिर्फ 30 से 40 वाहनों के पार्क करने को जगह दी गई है। उन्होंने प्राधिकरण सचिव को पत्र भेज नुकसान को भरपाई कर राहत देने की मांग की है।