कौन करना चाहता है पंजाब को अशांत ?? किसान आंदोलन के आड़ में पंजाब के सिक्खों को भड़काकर किसका होगा फायदा ??

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इन दिनों किसान प्रदर्शनों से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसके जरिए यह अफवाह फैलाने की कोशिश की गई है कि भारतीय सेना की एक रेजीमेंट के ये जवान प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन कर रहे हैं। जिसपर भारतीय सेना की तरफ से ये प्रतिक्रिया आई है कि यह बिल्कुल मनगढ़ंत और फर्जी खबर है।

किसान आंदोलनकारियों द्वारा सेना को इस तरह टार्गेट करते हुए सिक्ख समुदाय के साथ जोड़ना क्या यह दिखाता है कि आंदोलन की आड़ में देश के सीमांत राज्य में अस्थिरता की साजिश की जा रही है?

किसान आंदोलन में देश विरोधी ताकतों की मौजूदगी

किसान आंदोलनकारियों के पीछे चीन और पाकिस्तान का मूक समर्थन और अल्ट्रा लेफ्ट एक्टिविस्ट्स की मौजूदगी को लेकर सवाल लगातार उठाए जाते हैं। किसान आंदोलन की आड़ में पंजाब के सिक्खों को निशाने पर लेने और पंजाब को अस्थिर करने की पूरी कोशिश की जा रही है। हालांकि, वामपंथियों द्वारा सिक्खों के सहारे पंजाब में माहौल बिगाड़ने की कोशिश कोई नई बात नहीं है। साल 1967 के नक्सली आंदोलन के समय से पंजाब में वामपंथियों की सक्रियता रही है । सूत्रों की मानें तो पंजाब में आज भी करीब दर्जन भर किसान यूनियन लेफ्टिस्ट या अल्ट्रा-लेफ्ट ग्रुपों द्वारा संचालित किए जाते हैं लेकिन अब उन्होंने खुद को केवल किसानों के मुद्दों तक ही सीमित रखा है।

टार्गेट पर हैं पंजाब के सिक्ख किसान

किसान आंदोलन का फायदा उठाकर भड़काऊ और फर्जी ट्वीट्स के जरिए भारत में सिक्खों की हालत को लेकर एक नैरेटिव सेट करने की पाकिस्तान की कोशिश है। इसमें चीन भी उसका साथ दे रहा है। किसान आंदोलन को आधार बनाकर चीनी नाम वाले कई छद्म अकाउंट्स से पाकिस्‍तान के समर्थन वाले ट्वीट किए जाते हैं। ऐसा दिखाने की कोशिश होती है कि पाकिस्‍तान में सिक्खों की बड़ी कद्र है जबकि भारत में अल्‍पसंख्‍यकों के साथ सरकार गलत व्‍यवहार करती है।

पंजाब अस्थिर हो क्यों चाहते हैं चीन और पाकिस्तान

–   यदि पंजाब अस्थिर होता है तो इसका असर सिर्फ पंजाब तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि पूरे उत्तर भारत में इसका प्रभाव नजर आएगा। पंजाब की अस्थिरता पूरे दक्षिण पूर्व एशिया की शांति भंग कर सकती है।

–  पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में अशांति फैलाने के लिए शुरु से ही के-2 फॉर्मूले पर काम करती है। के-1 कश्मीर और के-2 खालिस्तान है। कश्मीर में धारा 370 के खत्म हो जाने के बाद कश्मीर में चोट खाया यह संगठन खालिस्तान के बहाने भारत को घाव देना चाहता है।
–  हाल ही में अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी हुई है जिससे चीन और पाकिस्तान दोनों का पूरा समर्थन मिला है। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी को चीन तालिबान का फायदा भारत के खिलाफ उठाने की कोशिश में है, जिसमें पाकिस्तान उसका भरपूर साथ देगा।
–  पाकिस्तान फिर से कश्मीर को अशांत करने की कोशिश मे है। दूसरी तरफ चीन अरुणाचल सहित पूर्वोत्तर में भारतीय सीमा पर माहौल बिगाड़ने की पूरी कोशिश कर रहा है जबकि भारत के अंदर से किसान आंदोलन के नाम पर पंजाब को अशांत करने की कोशिश चल रही है।