किसानों पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, पब्लिक प्लेस-सड़कों को ब्लॉक नहीं कर सकते किसान

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किसानों पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, पब्लिक प्लेस-सड़कों को ब्लॉक नहीं कर सकते किसान

नई दिल्ली- गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन के कारण दस महीनों से बंद पड़ी दिल्ली-हरियाणा सीमाओं के मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि पब्लिक प्लेस और सड़कों को अनिश्चितकाल के लिए ब्लॉक नहीं किया जा सकता। कोर्ट की जस्टिस एसके कौल की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को जल्द ही किसानों को सड़कों से हटाने के लिए कदम उठाने होंगें। जस्टिम कौल की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि प्रदर्शन और सड़कों को ब्लॉक करने जैसे मामलों के लिए कोर्ट पहले ही आदेश जारी कर चुका है। कोर्ट ने आगे कहा कि शाहीनबाग में पब्लिक रोड को ब्लॉक करने के मामले में सुनवाई करते हुए पिछले साल ही कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि पब्लिक प्लेस और रोड़ों को किसी भी हालत में ब्लॉक नहीं किया जा सकता।

इस मामले में कोर्ट ने आदेश दिया कि केंद्र सरकार इस मामला का हल जूडिशियल फोरम या संसदीय बहस से निकालें। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि सरकार की ओर से लगातार किसानों से बातचीत की कोशिश की जा रही है, पर किसान नेता बातचीत में उपस्थित ही नहीं हो रहे। तुषार मेहता ने आगे कहा कि इस मामले पर गौर करने के लिए हाइ लेवल की एक कमेटी का गठन किया गया है जो लगातार किसान आंदोलन से लोगों को रही तकलीफ से छुटकारा दिलाने की पूरी कोशिश कर रही है।

बता दें सुप्रीम कोर्ट में नोएडा की एक महिला ने किसान आंदोलन से बंद पडे़ बॉर्डरों को खोलने का अनुरोध किया था। महिला ने अपनी याचिका में लिखा था कि उन्हें ऑफिस में जाने में सिर्फ 20 मिनट लगते हैं, पर किसान आंदोलन के कारण रोजाना लग रहे जाम और सड़कें बंद होने के कारण उन्हें ऑफिस पहुंचने में दो घंटे से ज्यादा का समय लग जाता है। किसान आंदोलन से लगातार लोगों को जाम जैसी अनेकों समस्याओं से जुझना पड़ रहा है। कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 4 अक्तूबर को करेगा।

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