किसानों को मिलेगा सम्मान, विश्व स्तर पर मनाया जाएगा ‘अंतराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष’

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जहां एक तरफ कुछ नेता किसानों के मसीहा बनने का ढ़ोंग करकर किसानों को प्रशासन के खिलाफ भड़का रहे हैं और अपनी राजनैतिक रोटियां सेक रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार लगतार किसानों के लिए कार्य कर रही है। पिछले सालों में किसानों के लिए केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि योजना जैसे कई प्रोजेक्ट्स लेकर आई है जिससे देश के किसानों को अपनी फसलें बोने और भंड़ार करने में काफी मदद मिली है। अब एक बार फिर सरकार ने किसानों के सम्मान के लिए कदम बढ़ाया है। आपको बता दें 2023 को अंतराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रुप में मनाने के लिए केंद्र सरकार ने सारी तैयारियां कर ली हैं।

अंतराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष को बड़े स्तर पर धूम-धाम से मनाया जाएगा। इससे किसानों की मेहनत को विश्व स्तर पर सराया जाएगा। साथ ही उनकी हर संभव मदद करने की कोशिश भी की जाएगी। इसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा व पोषण के लिए पोषक अनाज के योगदान की जागरुकता को फैलाना है।

अब तक कई बीज उत्पादन केंद्रों की शुरूआत 

बता दें कि अंतराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष की तैयारियों के तहत अब तक देश में 18 बीज उत्पादन केंद्र व 22 बीज हब स्थापित किए जा चुके हैं। ये कार्यक्रम केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी की अध्यक्षता में चलाया जा रहा है।

अनाज उत्पादन में इन राज्यों का विशेष योग्यदान

अनाज का सबसे अधिक उत्पादन पश्चिमी भारत के राज्यों जैसे गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान में मिलता है। साथ ही आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल जैसे राज्य भी अनाज का उत्पादन करते हैं।

पिछले सालों का उत्पादन

बीते वर्षों की बात करें तो 2019 में खाद्य सामग्रियों का उत्पादन 29 करोड़ 75 लाख टन रिकॉर्ड किया गया था। वहीं 2020 में ये बढ़कर 295.67 मिलियन टन पहुंच गया था।