पुत्रदा एकादशी व्रत 2021: इस व्रत से आपकी सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी

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आज 18 अगस्त बुधवार यानी शुक्ल पक्ष की एकादशी है जिसका हिन्दू धर्म में अहम स्थान है। सावन माह की इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव और विष्णु जी की अराधना की जाती है। महिलाएं इस दिन संतान प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। ऐसा माना जाता है कि जो महिला इस दिन विष्णु जी की आरती कर उनसे संतान प्राप्ति का वरदान मांगें तो भगवान शिव उनकी इच्छा अवश्य पूरी करते हैं।

कैसे रखें पुत्रदा एकादशी का व्रत!

सुबह स्नान कर भगवान शिव और विष्णु जी की मूर्ति की स्थापना करें। मंदिर में घी का दीपक जलाएं। साथ ही फूल, अगरबत्ती, नारियल और पांच तरह की मिठाई भी अवश्य चढ़ाएं। साथ ही शाम को इस दिन अगर सभंव हो तो एकादशी व्रत की कथा अवश्य सुनें, ऐसा करने से आपकी सभी परेशानियां खत्म हो जाएंगी और आपको अपने पापों से भी मुक्ति मिलेगी।

आपको बता दें पुत्रदा एकादशी की कथा महीजित नाम के एक राजा से जुड़ी है। जो द्वापर युग के एक महान राजा थे जिनके बुरे कर्मों की वजह से उन्हें संतान की प्राप्ति नहीं हुई थी, पर संतान प्राप्ति का ये व्रत करने के बाद उनके घर के कई सालों बाद खुशियां आई। ये व्रत अगर पति-पत्नी दोनों मिलकर भगवान शिवजी की अराधना करें तो भगवान उनकी इच्छा अवश्य पूरी करते हैं।

पूजा का शुभ मुहूर्त

वैसे तो भगवान की अराधना करने का कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं होता पर अगर आप शाम को सात बजे के आस-पास भगवान विष्णु की आरती करें और इस व्रत से जुड़ी कथा को पढ़े या सुने तो आप जल्द ही सभी परेशानियों को खुद से दूर महसूस करेंगे।