ये वजह है… जो नई दुल्हन अपनी पहली होली ससुराल में नहीं खेलती, होता है बड़ा अपशगुन

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होली का त्यौहार अपने साथ सिर्फ खुशियां ही नहीं लाता बल्कि परिवार के साथ रिश्तों का और मजबूत भी बनाता है

नई दिल्ली- होली खुशियों और खूबसूरत रंगों से भरा मस्ती का त्यौहार है. हिंदू पंचांग के अनुसार होली के बाद नए साल का आगमन होता है. ये त्यौहार सब के लिए खास होता है और बात करें शादीशुदा नए जोड़ों की तो उनके लिए ये त्यौहार उनके रिश्तों को और मजबूत बनाने में खास भूमिका निभाता है. लेकिन हिन्दू धर्म में हर त्यौहार की अपनी मान्यताएं है और इसके पीछे कई ठोस वजह भी हैं. इनमें से एक मान्यता ये भी है कि पहली होली नई दुल्हन को अपने ससुराल में नहीं बल्कि माइके में मनानी चाहिए.

होली पर सास-बहु में पड़ सकती है दरार

हमारे बड़े-बुजुर्गों के अनुसार इसके पीछे एक खास कारण है. होली खेलने से पहले हम होलिका दहन की पूजा करते हैं और माना जाता है कि अगर सास औऱ बहु साथ में होलिका दहन को देख लें तो उनके रिश्ते में दरार पड़ जाती है. इसलिए दुल्हन की पहली होली पर उसे अपने माइके भेज दिया जाता है. सास बहु का रिश्ता बहुत नाजुक होता है औऱ शुरुवाती दौर में तो दोनों को अपने संबंधों को मजबूत बनाने के लिए उन्हें काफी समय लगता है.

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रिश्तों को मजबूत करती है रंगों की होली

इसके अलावा हमारे सनातन में बेटी और बहु को साक्षात मां लक्ष्मी का रुप माना जाता है. इसलिए माना जाता है जब बेटी अपने ससुराल से माइके लौटती है तो उसके कदमों से उसके माइके में धन-समृद्धि और खुशियों का आगमन होता है. इसके अलावा जब नई दुल्हन अपने माइके में होती है तो उसका पति भी उसे शुभकामनाएं देने अपने ससुराल आता है. इससे पति-पत्नी का रिश्ता और मजबूत होता है और उनमें प्यार बढ़ता है.