Indian Navy को मिलेंगे ऐसे जहाज, जो बन जाएंगे सभी युद्धपोतों के गार्जियन ,सेना की ताकत का होगा हिस्सा

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रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने विशाखापत्तनम में हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल) में भारतीय नौसेना के लिए फ्लीट सपोर्ट शिप्स (एफएसएस) की पहली स्टील कटिंग की अध्यक्षता की। एचएसएल में निर्माणाधीन एफएसएस, 44,000 टन के विस्थापन के साथ अपनी तरह का पहला है और ईंधन, पानी, गोला-बारूद और भंडार के साथ समुद्र में बेड़े की पुन:पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे नौसेना की परिचालन क्षमता और रणनीतिक पहुंच बढ़ेगी।

रक्षा सचिव ने यार्ड की क्षमता और क्षमता बढ़ाने के लिए स्लिपवे और प्रमुख आधारभूत अवसंरचना के आधुनिकीकरण की आधारशिला भी रखी। अत्याधुनिक 300टी गोलियथ क्रेन और स्लिपवे अपग्रेड की स्थापना सहित चल रहे आधारभूत अवसंरचना उन्नयन कार्यक्रम, एफएसएस और लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक जैसी भविष्य की परियोजनाओं को शुरू करने के लिए एचएसएल की क्षमता को और बढ़ाएंगे, जिससे आत्म निर्भर भारत पहल के तहत रक्षा और वाणिज्यिक क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने में इसकी भूमिका मजबूत होगी।

गिरिधर अरमाने ने अपने संबोधन में एचएसएल को सरकार की संपत्ति बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान जहाज निर्माण प्रवृत्ति से रक्षा और वाणिज्यिक दोनों क्षेत्र से आदेशों में आएगा और एचएसएल को किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

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एचएसएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कमोडोर हेमंत खत्री (सेवानिवृत्त) ने एचएसएल के पुनरुद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए रक्षा सचिव का आभार व्यक्त किया। उन्होंने एफएसएस के निर्माण के महत्त्व को रेखांकित किया क्योंकि यह विशाखापत्तनम के आसपास लगभग 550 एमएसएमई को व्यवसाय प्रदान करता है और 3,000 से अधिक कर्मियों को रोजगार के अवसर प्रदान करता है।

समारोह में पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर भी उपस्थित थे।