अगर आप दिल्ली, वाराणसी और बेंगलुरु हवाई अड्डे से कोई फ्लाइट लेना चाहते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। अब आप बोर्डिंग पास के बिना भी इन हवाई अड्डों से यात्रा कर सकेंगे। आपका चेहरा ही आपके बोर्डिंग पास के रूप में काम करेगा। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज इसके लिए डिजियात्रा कार्यक्रम की शुरुआत की।
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को डिजियात्रा का अनावरण किया। डिजियात्रा के साथ हवाई अड्डों में चेक-इन पेपरलेस होगा। चेहरे की पहचान तकनीक के आधार पर यात्री इन हवाईअड्डों से यात्रा कर सकेंगे। डिजीयात्रा की शुरुआत गुरुवार को दिल्ली के अलावा बेंगलुरु और वाराणसी एयरपोर्ट पर की जा रही है।
किसी भी एयरलाइन से यात्रा कर रहे सभी घरेलू यात्री DigiYatra ऐप डाउनलोड कर यात्रा कर सकेंगे। इसके जरिए यात्री एयरपोर्ट में एंट्री ले सकते हैं। गेट पर उन्हें किसी सुरक्षा जांच से नहीं गुजरना होगा। इसका मतलब यह है कि यात्री बस एक ऐप के जरिए बोर्डिंग गेट तक जा सकेंगे और समय की बचत करते हुए सहज और सुरक्षित यात्रा का आनंद उठा पाएंगे।
Live: Inauguration of #DigiYatra by HMCA Sh @JM_Scindia. https://t.co/gqSNCpVuvd
— MoCA_GoI (@MoCA_GoI) December 1, 2022
पहले चरण में यह सुविधा सात एयरपोर्ट पर लॉन्च की जाएगी। शुरू में इसे तीन हवाई अड्डों दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी के लिए किया जा रहा है। मार्च 2023 तक इसे हैदराबाद, कोलकाता, पुणे और विजयवाड़ा हवाई अड्डों पर शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद इस तकनीक पूरे देश में लागू किया जाएगा। खास बात यह है कि इसे फिलहाल डोमेस्टिक फ्लाइट के यात्रियों के लिए लॉन्च किया जा रहा है।
"#DigiYatra पूरी तरह से आधार के साथ लिंक्ड है। इसलिए अगर कोई व्यक्ति जिसके विरुद्ध कोई कार्यवाही चल रही है, तो इसकी जानकारी तुरंत हो जाएगी। यात्री सुरक्षा की दिशा में भी ये एक अहम कदम है।"
– श्री @JM_Scindia pic.twitter.com/x135oD7Q80
— Office Of JM Scindia (@Officejmscindia) December 1, 2022
डिजियात्रा ऐप पर रजिस्टर करने के बाद यात्रियों को एक कोडेड बोर्डिंग पास जनरेट हो जाएगा। इसे स्कैन करना होगा। उसके बाद ई-गेट पर लगा फेशियल रिकग्निशन सिस्टम यात्री की पहचान करेगा और उसके दस्तावेजों को वैलिडेट करेगा। इस चरण के बाद यात्री एयरपोर्ट में प्रवेश कर सकता है। एयरपोर्ट में एंट्री के बाद यात्री को सिक्योरिटी चेक और दूसरी सामान्य प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा।
इस ऐप के जरिए यात्रा करने वाले यात्रियों की जानकारी (पीआईआई) कहीं स्टोर नहीं की जाएगी। यात्री की आईडी और यात्रा क्रेडेंशियल यात्री के स्मार्टफोन पर ही एक सुरक्षित वॉलेट में जमा हो जाते हैं।