एजेंसी:-चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बीते हुए कुछ दिनों में तो कई बार ही कांग्रेस की लीडरशिप से मुलाकात को कर चुके हैं और उनके पार्टी में आने की चर्चाएं भी अभी जोरों पर हैं। इस बीच ही अंदरखाने कांग्रेस राजस्थान को लेकर भी एक बड़ी तैयारी में जुटी दिख रही है। एक तरफ प्रशांत किशोर को कांग्रेस में लाने की कोशिश सोनिया गांधी काफी देर से कर रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ लीडरशिप में नए चेहरों को लाने पर भी विचार कर रही हैं। इसकी शुरुआत राजस्थान से ही हो सकती है, जहां पर सचिन पायलट लगातार दावेदारी कर रहे हैं। पिछले ही दिनों सचिन पायलट ने जब सोनिया गांधी से दिल्ली आकर मुलाकात की तो कयास और तेज हो गए।
इस बीच चर्चाएं यहां तक भी शुरू हो गई हैं कि उदयपुर में 13 से 15 मई के दौरान ही आयोजित होने वाले चिंतन शिविर के बाद में राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन भी हो सकता है। इन चर्चाओं को अशोक गहलोत के एक बयान से भी हवा मिल गई है, जिसमें की उन्होंने ये कहा है कि मेरा इस्तीफा तो हमेशा से ही सोनिया गांधी के पास में ही रहा है। आमतौर पर अशोक गहलोत बेहद सधकर बात करते रहे हैं, लेकिन उनकी इस टिप्पणी से भी ऐसे कयास तेज हैं कि क्या कांग्रेस लीडरशिप बदलने पर विचार को कर रही है। हालांकि सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या सचिन पायलट के दबाव में इस्तीफा मांगे जाने पर अशोक गहलोत आसानी से हाईकमान के फैसले को मान लेंगे?
अशोक गहलोत ने ये कहा था की, ‘मेरा इस्तीफा हमेशा सोनिया गांधी के पास रहा है। जब कांग्रेस सीएम बदलना चाहेगी तो किसी को किसी तरह का संकेत नहीं मिलेगा।