कौन है सीबीआई में खलबली मचाने वाला मोइन कुरैशी? यहां जानें

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सीबीआई में पिछले चार वर्षों से खलबली मचाने वाले मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के कई किस्से हैं। अपने कनेक्शन से सीबीआई के दो पूर्व डायरेक्टर एपी सिंह और रंजीत सिन्हा की नींद हराम कर देने वाले इस मीट कारोबारी की वजह से अब वर्तमान डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना मुसीबत में फंस चुके हैं। सीबीआई के इतिहास में फिलहाल चल रहे सबसे बड़े विवाद के सूत्रधार इसे बड़े मांस कारोबारी के बारे में ईडी की चार्जशीट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

यह चार्जशीट पूर्व में अदालत में पेश हो चुकी है, इसी आधार पर सीबीआई 2017 में अपने ही निदेशकों रंजीत सिन्हा और एपी सिंह के खिलाफ केस भी दर्ज कर चुकी है। तत्कालीन सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा के घर से बरामद विजिटर डायरी से मोइन कुरैशी और उसकी बीवी के 70 से अधिक बार उनके घर पर मुलाकातें बड़ा मुद्दा बन चुकी हैं। ये मुलाकातें कोयला घोटाले के आरोपियों को जांच के घेरे से बचाने को लेकर हुईं थीं।

इससे पता चलता है कि मोइन कुरैशी न केवल अपने हवाला लिंक और मनी लांडरिंग केस बल्कि दूसरे घोटाले के मामले के आरोपियों के केस भी रफा-दफा कराने के लिए अफसरों की सहायता लेता था । इससे उस दौर में मोइन कुरैशी की पहुंच का अंदाजा लगाया जा सकता है।

मोइन कुरैशी की बीवी नसरीन की बात करें तो वह पाकिस्तानी मूल की हैं। शादी से पहले नसरीन पाकिस्तान की अदाकारा थीं। कई छोटी फिल्मों और ड्रामा में रोल किए। फिर बाद में भारतीय मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के संपर्क में आईं तो शादी हुई। पेशे से फैशन डिजाइनर बेटी पर्निया कुरैशी का जन्म भी कराची में ही हुआ था। बीवी नसरीन अपनी लक्जरी लाइफ स्टाइल के लिए भी जानीं जातीं हैं. जब मोइन कुरैशी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने जांच शुरू की थी, तब तैयार हुई चार्जशीट में बीवी नसरीन कुरैशी की लक्जरी लाइफस्टाइल का भी जिक्र था।

2011 में बेटी की शाही शादी की बात छोड़ दें तो पहले मोइन कुरैशी नामक मीट कारोबारी को बहुत कम लोग जानते थे, मगर जब 2014 के लोकसभा चुनाव की कैंपेनिंग में जुटे नरेंद्र मोदी ने कई रैलियों में मोइन कुरैशी का नाम लिया, कभी पिंक इंडस्ट्री( भैंस मांस कारोबार) का लिंक यूपीए सरकार से जोड़ा तो कभी कांग्रेस के मंत्रियों से नजदीकी और दस जनपथ तक इस कारोबारी की पहुंच का खुलेआम आरोप लगाया। यह मामला इस कदर उछला कि यूपीए सरकार को फरवरी 2014 में ही मोइन कुरैशी के 15 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी करानी पड़ी।छापेमारी के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासा हुए।