भारत का सबसे बड़ा टैक्स पेयर बना रिलायंस इंडस्ट्रीज, सरकार के खजाने में दी 5.65 रुपए की धनराशि

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देश की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने भी करीब दो सप्ताह पहले अपना रिजल्ट जारी की है और अब इस महीने के अंत में उसके शेयरहोल्डर्स की सालाना आम बैठक होने वाली है। प्रस्तावित एजीएम से पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कंपनी ने चेयरमैन मुकेश अंबानी समेत कई टॉप एक्सीक्यूटिव्स की सैलरी का ब्यौरा दिया है। उसके अलावा कंपनी ने सरकार को दिए गए टैक्स और लोगों को दिए गए रोजगार के मौकों के बारे में भी जानकारी दी है।

3 साल में सरकार को दिए इतने करोड़

सालाना रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज इस बार भी सबसे ज्यादा टैक्स जमा कराने वाली कंपनी बनी हुई है। 31 मार्च 2023 को समाप्त हुए पिछले वित्त वर्ष के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज ने टैक्स के रूप में सरकारी खजाने में 1.77 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया है। इससे पहले वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान सबसे बड़ी कंपनी ने टैक्स के रूप में 1.88 लाख करोड़ रुपये जमा कराया था। कंपनी ने डाइरेक्ट व इनडाइरेक्ट टैक्स, स्पेक्ट्रम शुल्क आदि को मिलाकर पिछले तीन सालों के दौरान सरकारी खजाने में 5.65 लाख करोड़ रुपये जमा कराया है।

और पांच साल कार्यभार संभालेंगे अंबानी

मुकेश अंबानी न सिर्फ देश की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी के टॉप एक्सीक्यूटिव हैं, बल्कि वह अभी भारत के सबसे अमीर व्यक्ति भी हैं। वह दशकों से रिलायंस इंडस्ट्रीज का कारोबार संभाल रहे हैं। एजीएम में शेयरधारकों की मंजूरी मिलने के बाद वह साल 2029 तक के लिए कंपनी के सीएमडी नियुक्त हो जाएंगे। मजेदार बात ये है कि अंबानी अपने इस कार्यकाल के दौरान कोई सैलरी नहीं लेंगे। कोविड महामारी के बाद से मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के सीएमडी का जिम्मा संभालने के बदले कोई सैलरी नहीं ले रहे हैं। पिछले साल भी उन्होंने कोई सैलरी नहीं ली। इस तरह वह लगातार 3 साल से जीरो सैलरी पर काम कर रहे हैं।

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कंपनी ने करीब 1 लाख लोगों को दी नौकरी

कंपनी ने रिपोर्ट में बताया कि उसने वित्त वर्ष 2022-23 में रोजगार के 95,167 नए मौके तैयार किए। इस तरह रिलायंस इंडस्ट्रीज नौकरियां देने के मामले में भी नंबर वन पर रही। अब रिलायंस में कुल कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 3.89 लाख हो गई है। इनमें से 2.45 लाख से ज्यादा कर्मचारी रिलायंस रिटेल के साथ काम कर रहे हैं, जबकि रिलायंस जियो में 95 हजार से अधिक लोग काम कर रहे हैं।