
पाकिस्तान सरकार में एक बार फिर CPEC को लेकर नाराज़गी सामने आई है। एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि चीन के साथ शुरू की गई इस परियोजना से पाकिस्तान को कोई वास्तविक लाभ नहीं मिला। उनके मुताबिक CPEC की वजह से कई विदेशी निवेशक भी देश छोड़कर चले गए।
मंत्री ने बताया कि CPEC परियोजनाओं में पारदर्शिता की कमी, ज्यादा कर्ज, धीमी गति और अनुबंधों में असमानता जैसे कारणों से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को फायदा नहीं हुआ। उन्होंने यह भी माना कि शुरू में CPEC को देश की अर्थव्यवस्था का भविष्य बताया गया था, लेकिन पिछले वर्षों में इसका कोई ठोस परिणाम दिखाई नहीं दिया।
मंत्री ने आरोप लगाया कि चीन की कंपनियों को प्राथमिकता तो दी गई, लेकिन रोजगार, औद्योगिक विकास और स्थानीय बाजार को मजबूत करने में कोई खास लाभ नहीं हुआ। कई विदेशी कंपनियां बढ़ती लागत और असुरक्षा की वजह से पाकिस्तान में काम कम कर रही हैं या पूरी तरह से बाहर निकल चुकी हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते कर्ज और निवेश में गिरावट के कारण CPEC को लेकर पाकिस्तान के अंदर असंतोष बढ़ रहा है। मंत्री का यह बयान चीन और पाकिस्तान के रिश्तों में बढ़ती खटास का संकेत माना जा रहा है।











