पाकिस्तान की आर्थिक स्थति किसी से छिपी नहीं है पाकिस्तान पहले से ही कर्ज के बोझ तले दबा है और फिर भी कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से लगातार कर्ज की मांग कर रहा है। चीन ने भी उसे भारी भरकम पैसा दिया है। और कोरोना के कारण हुये लॉकडाउन से उसकी आर्थिक स्थति और ज्यादा खराब हो गई है।आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान के और भी बुरे दिन आने वाले हैं. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने पाकिस्तान से अपने एक अरब डॉलर को तत्काल लौटाने को कहा है. ये पैसा स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान में जमा है.इमरान खान को य़े एक बहुत बड़ा झटका लगा है. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए. इससे पहले जब सऊदी अरब ने सख्ती दिखाई थी तो इमरान खान ने चीन के सामने झोली फैला दी थी, लेकिन इस बार शायद चीन भी उसकी मदद न करे.UAE का कहना है कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान में रखा पैसा इसलिए वापस मांगा जा रहा है, क्योंकि उसकी मैच्योरिटी हो गई है. हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, पाकिस्तान UAE से संपर्क करने की लगातार कोशिश कर रहा है. खासतौर पर वह क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान (Mohammed bin Zayed Al Nahyan) से बात करके रहम की गुहार लगाना चाहता है, लेकिन अब तक उसे कोई सफलता नहीं मिली है. पाकिस्तान गिड़गिड़ा रहा है कि इतनी बड़ी रकम लौटाने से उसकी आर्थिक स्थिति गड़बड़ा सकती है, मगर UAE अपने फैसले पर कायम है. पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली किसी से छिपी नहीं है. वो पहले से ही कर्ज के बोझ तले दबा है और कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से लगातार कर्ज की मांग कर रहा है. चीन ने भी उसे भारी भरकम पैसा दिया है. इसके अलावा, कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई है. ऐसे में पाकिस्तान के लिए दोनों ही स्थितियों में मरना तय है. यदि वो UAE का पैसा लौटता है, तो उसकी आर्थिक स्थिति गड़बड़ा जाएगी और यदि कहीं से कर्ज का इंतजाम करता है, तो उसे चुकाने में ही बर्बाद हो जाएगा सऊदी अरब भी पाकिस्तान के प्रति सख्त रुख अपना चुका है. पाक और सऊदी अरब के रिश्तों में कड़वाहट की वजह कश्मीर पर पाकिस्तानी नेताओं का बड़बोलापन रहा है. दरअसल, पाकिस्तान चाहता है कि ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (ओआईसी) की बैठक में कश्मीर मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा की जाए, लेकिन सऊदी अरब इसके लिए तैयार नहीं है. वह साफ तौर पर पाकिस्तान को इसके लिए मना कर चुका है. कुछ वक्त पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर पर साथ नहीं देने के लिए सऊदी की आलोचना की थी. इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी उस पर तंज कसा था. तभी से सऊदी अरब ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है.