राहुल गांधी से समय मांगा है, वहां भी हमारी समस्याओं का हल नहीं निकला तो इस्तीफा दे दूंगा- विधायक रमेश मीणा

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राजस्थान : कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लग सकता है।सचिन पायलट खेमे के कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री रमेश मीणा ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने इस बार सरकार पर एससी, एसटी और माइनॉरिटी विधायकों के इलाकों में बजट देने में भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ‘जिस तरह प्रदेश में SC,ST और माइनॉरिटी के साथ भेदभाव किया जा रहा है। वह ठीक नहीं है। मैं अपनी समस्याओं को लेकर राहुल गांधी से मिलूंगा। मैंने मुलाकात का वक्त मांगा है। अगर वहां भी सुनवाई में हमारी समस्याओं का हल नहीं निकला तो मैं इस्तीफा देने से भी पीछे नहीं हटूंगा। राज्यसभा के चुनावों में भी हमनें अपनी बात राज्य सरकार के सामने रखी थी परंतु कोई हल नहीं निकला। आज विधान सभा के बाहर मीड़िया से बात करते हुये रमेश मीणा ने कहां वे अमीन खां, बाबू लाल बैरवा जैसे वरिष्ठ विधायकों तक की सुनवाई नहीं कर रहे। मंत्रियों से मिलने के लिए जब विधायक पहुंचते हैं तो वे कोई न कोई बहाना बनाकर उनसे मिलते नहीं है। आज जब मंत्री ही विधायकों से नहीं मिल रहे तो मुख्यमंत्री की तो दूर की बात है। विधायक मीणा ने गहलोत सरकार कहा कि पिछले 3 साल का बजट उठाकर देख लीजिए। एससी, एसटी विधायक जहां से आते हैं उन्हें अब तक क्या मिला है? और कोटा, जोधपुर में क्या मिला है? रमेश मीणा ने नाम लिए बिना सीएम अशोक गहलोत और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को निशाने पर लिया है। रमेश मीणा ने कहा-सदन में एससी, एसटी और माइनॉरिटी के विधायकों को बिना माइक वाली सीटें दी गई। बिना माइक की सीट देना कोई छोटा-मोटा मामला नहीं है। हम विधायक हैं और अगर हमें अपने क्षेत्र के मुद्दों को विधानसभा में ही रखने नहीं दिया जाएगा तो इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है? मंत्री बनने के लिए दबाव बनाने के सवाल पर रमेश मीणा ने कहा- मंत्री तो मैं पहले ही था। अगर मंत्री पद का ही मोह होता तो उस वक्त भी चुप रह सकता था लेकिन हम हमारे लोगों के साथ भेदभाव पर चुप नहीं रह सकते। मुझे मंत्री नहीं बनना। मैं कांग्रेस को कमजोर करने वाली हरकतों के खिलाफ आवाज उठा रहा हूं। आप कांग्रेस की बैकबोन वाले वर्गों के विधायकों को विधानसभा में बोलने नहीं दो। मंत्री उनसे मिले नहीं। उनसे बदतमीजी से बात करें तो कांग्रेस को कमजोर करने का इससे बड़ा कृत्य क्या हो सकता है? बता दें कि पिछले साल सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद रमेश मीणा को खाद्य मंत्री पद से बर्खास्त किया गया था। विधायक मीणा ने कहा कि सरकार सदन में माइक व्यवस्था ठीक नहीं होने में भी खर्चा देख रही है। बजट में जब टेबलेट और ब्रीफकेस बांटे तब खर्चा नहीं देखा गया। थोड़ा खर्चा करके अगर माइक व्यवस्था को ठीक करवा ले तो क्या हो जाएगा? आज जिन लोगों को टेबलेट दिए हैं उनमें से 20% भी उसे चलाना नहीं जानते। अगर टेबलेट दिया है तो फिर ब्रीफकेस देने की जरूरत क्यों आ पड़ी?