सिंधु-टिकरी बॉर्डर बंद होने से आस-पास के व्यापारियों को नुकसान, इंसाफ मांगने कोर्ट पहुंचे व्यापारी

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सिंधु-टिकरी बॉर्डर बंद होने से आस-पास के व्यापारियों को नुकसान, इंसाफ मांगने कोर्ट पहुंचे व्यापारी

बहादुरगढ़: पिछले दस महीनों से कभी सिंधु बॉर्डर, तो कभी टिकरी बॉर्डर या कभी हरियाणा-पंजाब के गांवों-शहरों में जाकर किसान हिंसावादी प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के इस हिंदावादी प्रदर्शन को हरियाणा-पंजाब तक सीमित रखने और दिल्ली में लाल किले पर हुए 26 जनवरी जैसे हालातों से बचने के लिए दिल्ली-हरियाणा के सभी बॉर्डरों को बंद कर दिया गया है। इन बॉर्डरों के बंद होने के कारण आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जो लोग पहले बहादुरगढ़ से सीधा टिकरी बॉर्डर के सहारे दिल्ली आते थे, अब उन्हें दिल्ली आने के लिए लंबा रास्ता लेना पड़ रहा है।

साथ ही सोनीपत से नरेला को सिंधु बॉर्डर जोड़ता है, जिससे सोनीपत से कुछ ही मिनटों में लोग दिल्ली में दाखिल हो सकते थे, पर किसान आंदोलन के कारण इन दोनों रुटों को बंद कर दिया गया है। साथ ही इन बॉर्डरों पर जिन व्यापारियों की दुकानें थी, वो भी पिछले दस महीनों से बंद हैं।

सिंधु-टिकरी बॉर्डर बंद होने से आस-पास के व्यापारियों को नुकसान, इंसाफ मांगने कोर्ट पहुंचे व्यापारी

किसान हिंसावादी आंदोलन कर रहे हैं, इसलिए सिंधु और टिकरी बॉर्डर के आस-पास की दुकानों को भी बंद करवा दिया था। अब इस आंदोलन को शुरु हुए 300 दिन पूरे हो गए हैं और व्यापारियों का सब्र और नुकसान आसमान छू रहा है, इसलिए बहादुरगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली से सटे टिकरी बॉर्डर को खोलने की मांग की है। बहादुरगढ़ के उद्यमियों का कहना है कि पिछले इन महीनों में उन्हें करोड़ों का नुकसान पहुंच चुका है।

बहादुरगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन के उद्यमी नरेंद्र छिकारा, सुभाष जग्गा, और विकास आनंद सोनी आदि ने याचिका में हरियाणा सरकार और दिल्ली पुलिस को इसका जिम्मेदार ठहराया है। बहादुरगढ़ के उद्यमियों ने ये भी कहा कि हमारे कर्मचारी हरियाणा में रहते हैं और उन्हें टिकरी बॉर्डर को पार करकर दुकानों पर आना होता है, पर टिकरी बॉर्डर पर नाकेबंदी के कारण हमारे कर्मचारी दुकानों पर नहीं आ रहे, हमें काफी नुकसान हो रहा है। बहादुरगढ़ के व्यापारियों ने कोर्ट से जल्द से जल्द टिकरी बॉर्डर खुलवाने की अर्जी दी है।

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