सैक्यूलर कांग्रेस का इस्लाम से लगाव क्यों ?

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सर्वधर्म सम्भाव के नाम पर सैक्यूलेरिज्म का दंभ भरने वाली कांग्रेस भले ही केरल में हो, राजस्थान में या फिर पंजाब में इस्लामिक तुष्टीकरण की ओर जो झुकाव स्पष्ट दिखलाई पड़ रहा है। पंजाब में जहां एक मलेरकोटला को जिला इसलिए घोषित किया गया कि वो मुस्लिम बहुल इलाका है और दूसरी ओर केरल में भी हाईकोर्ट ने जिस तह से कांग्रेस सरकार को मुस्लिम तुष्टीकरण को लेकर लताड़ लगाई है, उसे कांग्रेस के मुस्लिम तुष्टीकरण के ठप्पे की तरह देखा जा रहा है।

केरल में कांग्रेस के इस्लामिक तुष्टीकरण पर सख्त हुई हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने 28 मई, 2021 को राज्य के मुस्लिम और लैटिन कैथोलिक/धर्मांतरित ईसाइयों को 80:20 के अनुपात में छात्रवृत्ति देने की घोषणा वाले आदेश को रद्द कर दिया। जस्टिस शाजी पी चाली और चीफ जस्टिस मणिकुमार की पीठ ने कहा कि कांग्रेस सरकार का यह आदेश कानूनी रूप से सही नहीं है। इसलिए राज्य में अधिसूचित सभी अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को योग्यता-सह-साधन स्कॉलरशिप मिलनी चाहिए।

कोर्ट ने फैसले में कहा, “हम राज्य सरकार को राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पास उपलब्ध नवीनतम जनसंख्या

जनगणना के अनुसार राज्य के भीतर अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को समान रूप से योग्यता-सह-साधन छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए आवश्यक और उचित सरकारी आदेश पारित करने का निर्देश देते हैं।

कोर्ट का कहना भी सही है कि आखिर अल्पसंख्यकों के नाम पर सिर्फ एक ही धर्म विशेष के लोगों को 80 फीसदी लाभ क्यों दिया जा रहा है। आपको बता दें कि केरल की कांग्रेस सरकार मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय को 80% छात्रवृत्ति प्रदान कर रहा है और बाकी 20 फीसदी में हिन्दू, ईसाई, आदिवासी जैसी सभी जातियां शामिल थीं। कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए।कांग्रेस सरकार को समान भावना से अल्पसंख्यकों को सरकारी लाभ देने की हिदायत दी है। पंजाब में कांग्रेस ने बनाया धर्म के आधार पर जिला मलेरकोटला

सर्वधर्म सम्भाव और सैक्यूल की बात करने वाले कांग्रेस के सिक्ख मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल ही में ईद के मौके पर पंजाब के मलेरकोटला को जिला घोषित किया। इसकी बड़ी थी इलाके में ज्यादातर मुस्लिम समाज के लोग हैं इसलिए इसे अलग जिला घोषित किया जा रहा है। विकास के लिहाज से जिला सिस्टम बढ़ना अच्छी बात है, लेकिन जब विकास धर्म के आधार पर होने लगे तो कांग्रेस शासकों की कथनी और करनी पर सवाल उठने लाजमी हैं।

यही हाल राजस्थान में भी है, जहां मंदिरों को लेकर आए दिन कुछ ना कुछ बवाल होते रहते हैं। ऐसे में विपक्षी ही नहीं, सैक्यूलरवादी विचारधारा के लोग भी कांग्रेस में मुस्लिमों के प्रति बढ़ता हुआ झुकाव साफ महसूस कर रहे हैं। सवाल उठने लाजमी हैं कि क्या कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी से धीरे धीरे इस्लामिक पार्टी का रुप धारण करती जा रही है।