18महीनें लगेंगे उत्तराखंड में 70 फीसद आबादी के टीकाकरण में

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कोरोना टीकाकरण की धीमी रफ्तार पर जानकार भी चिंता जता रहे हैं। सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्यूनिटी फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना है कि प्रदेश में बीती 16 जनवरी से कोविड टीकाकरण का कार्य शुरू हुआ था। तब से लेकर 27 मई तक राज्य में 35,36,840 डोज वैक्सीन दी जा चुकी हैं। इनमें 21,72,760 को वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। जबकि 6,82,040 को वैक्सीन की दोनों खुराक दी जा चुकी है।

प्रदेश की अनुमानित आबादी 1.15 करोड़ है। इसी तरह राज्य मे 18 से 44 वर्ष आयुवर्ग के लोग की अनुमानित आबादी भी करीब 66 लाख है। ऐसे में इस आयुवर्ग की आबादी के लिए वैक्सीन की कम से कम 1.32 करोड़ खुराक जरूरी होगी। अनूप कहते हैं कि हर्ड इम्युनिटी के लिए प्रदेश की कुल आबादी के कम से कम 70 फीसद हिस्से को वैक्सीन की दोनों खुराक दिया जाना आवश्यक है। अब तक सामने आये नतीजों के आधार पर कहा जा सकता है कि राज्य की 70 फीसद आबादी (80 लाख से ज्यादा लोग) का पूर्ण टीकाकरण करने में 16 से 18 महीने और लगेंगे। यानी कि यह टीकाकरण की वर्तमान प्रगति बनी रहती है तो हमारी 70 प्रतिशत आबादी इस बात पर गौर करने की जरूरत है कि अभी तक जो नतीजे सामने आए हैं उनके अनुसार टीकाकरण में कई बाधाएं आ रही हैं। जब तक इन बाधाओं को दूर नहीं किया जाता तब तक सर्विलांस, मृत्यु दर और संक्रमण दर को देखते हुए कोविड कर्फ्यू-लॉकडाउन लगाने या खोलने को लेकर कोई सम्मत निर्णय लिया जाना चाहिए। दूसरे राज्यों की नकल करने के बजाय प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और अब तक के विकास को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया जाना चाहिए।को 2022 के अंत तक तक ही वैक्सीनेट किया जा सकेगा।

18-44 आयु वर्ग वालों का लंबा खिंच सकता है इंतजार

राज्य में 18-44 आयु वर्ग को वैक्सीन के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। जून प्रथम सप्ताह से पहले वैक्सीन आने की उम्मीद नहीं है। राज्य में 18-44 आयु वर्ग की वैक्सीन खत्म हो चुकी है। दून समेत प्रदेश के दस जनपदों में टीकाकरण पूरी तरह ठप है। जबकि अन्य तीन जिलों में पूर्व में आवंटित कुछ ही खुराक बची हैं। पिछले कुछ दिन से अभियान सुस्त रफ्तार से चल रहा है। शुक्रवार को भी 6848 व्यक्तियों को ही वैक्सीन लग सकी। इस स्थिति से अभी कोई राहत भी नहीं मिलने वाली है। राज्य की ओर से वैक्सीन के लिए 1.40 लाख रुपये जमा करा दिए गए हैं, पर वैक्सीन की सप्लाई नहीं हो पा रही है।