गंगूबाई काठियावाड़ी में बिलकुल नए अंज़ाद में नज़र आएंगी सीमा पाहवा

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गंगूबाई काठियावाड़ी में बिलकुल
नए अंज़ाद में नज़र आएंगी सीमा पाहवा

गंगूबाई काठियावाड़ी में बिलकुल नए अंज़ाद में नज़र आएंगी सीमा पाहवा – हमारी फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे कई कलाकार हैं जिनको उनके हिस्से की पहचान और सम्मान बहुत सालों बाद मिलता है। ऐसी ही एक बेहद प्रतिभाशाली शख्सियत हैं सीमा पाहवा। जल्द ही उनकी फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी रीलीज होने वाली है और लोग उनहें इस नए किरदार में देखने को उत्साहित हैं। संजय लीला भंसाली की इस फिल्म में सीमा पाहवा बिलकुल नए अंज़ाद में नज़र आएंगी।
टेलीविज़न के पहले धारावाहिक ‘हम लोग’ में अपने अभिनय कौशल से सबके दिलों में जगह बनाने वाली सीमा पाहवा जैसी अभिनेत्री को भी इस इंडस्ट्री में कई सालों तक स्ट्रगल करना पड़ा।
कभी सांवले रंग को लेकर तो कभी उनके वज़न को लेकर भेदभाव किया जाता था।
रंगमंच और टेलीविज़न पर कई दमदार किरदार निभाने के बावजूद एक लम्बे अरसे तक उनको अपनी प्रतिभा दिखाने लायक रोल नहीं मिले।

एक्टिंग का हुनर सीमा पाहवा को अपनी मां से विरासत में मिला। उनकी मां ने रेडियो, टीवी और थिएटर में बहुत काम किया है। यही कारण रहा कि सीमा का एंक्टिग करियर बचपन में ही शुरु हो गया था। पांच साल की उम्र से लेकर अब तक सीमा पाहवा के एक्टिंग करियर में कई उतार-चढ़ाव आए। सरदारी बेगम, गॉडमदर, हरी-भरी, जुबैदा जैसी फिल्मों में सीमा ने छोटे-छोटे रोल्स किए लेकिन इसके बाद कुछ खास काम नहीं मिला। जब फिल्मों में काम नहीं मिला तो सीमा ने अपना फोकस टीवी और थीएटर पर किया लेकिन उन्होने एक्टिंग को पूरी तरह से कभी नहीं छोड़ा। रिश्ते, अस्तित्व-एक प्रेम कहानी, संजीवन और कसम से जैसे टेलीविज़न सीरीयल में उन्होने कई किरदार निभाए और थिएटर में भी कुछ न कुछ करती रहीं।

भीष्म साहनी

भीष्म साहनी का लिखा नाटक ‘साग मीट’ थीएटर प्रेमियों के लिए बेहद खास तब बन जाता है
जब सीमा पाहवा मंच पर हों। वह जिस शहर जाकर इसका मंचन करती हैं
मंच पर वह खुद ही साग-मीट पकाती हैं
और नाटक खत्म होने के बाद इसे दर्शकों में बांटा जाता हैं।
एक समय ऐसा भी आया जब बीच में कुछ वक्त का ब्रेक आया
लेकिन उन्होने अपना आत्मविश्वास बनाए रखा और मेहनत करती रहीं।

लेकिन 2014 में आई उनकी फिल्म आंखो देखी में उनके अभिनय को देख लोगों ने और खास तौर पर इंडस्ट्री वालों ने सीमा पाहवा की अभिनय क्षमता को पहचाना और फिर उनहें अच्छे रोल ऑफर होने शुरू हुए। ‘दम लगा के हईशा’, ‘बरेली की बर्फी’ और ‘शुभ मंगलम सावधान’ जैसी फिल्मों में उनके मां वाले किरदार को बेहद पसंद किया गया।

फिल्म, टेलीविजन और थिएटर के अलावा सीमा पाहवा शॉर्ट फिल्म और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी नज़र आईं हैं।
उनकी शॉर्ट फिल्म ‘एव्रीथिंग इज़ फाइन’ को बहुत पसंद किया गया।
खास बात ये है कि सीमा पाहवा इस फिल्म में न सिर्फ एक्टिंग कर रही हैं
बल्कि उन्होने ये शॉर्ट फिल्म का निर्देशन भी किया है।
वह जितनी अच्छी एक्टर हैं उतनी ही अच्छी डायरेक्टर भी हैं।
सीमा पाहवा ने 2021 की शुरूआत एक निर्देशक के तौर पर की और अपनी फिल्म रामप्रसाद की तेरवी में
उन्होने अपनी पति मनोज पाहवा के अलावा नसीरुद्दिन शाह, विनय पाठक, सुप्रिया पाठक जैसे कलाकारों को डायरेक्ट किया।

उनके पति मनोज पाहवा भी एक शानदार एक्टर हैं और दोनों ने कई प्रोजेक्ट में साथ काम भी किया है।
इनकी साझेदारी इनके पहले धारावाहिक हम लोग से लेकर अब तक बरकरार है।
हम आशा करते हैं कि आने वाले समय में सीमा पाहवा की और भी कई फिल्में देखने को मिलेंगी।