डाडम क्षेत्र में अवैध खनन मामले पर सीएम मनोहर लाल ने विपक्ष को सुनाई खरी-खरी

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हरियाणा विधानसभा के चालू बजट सत्र के दौरान कल भिवानी जिले के डाडम क्षेत्र में अवैध खनन पर लाए गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के बाद आज रजिस्ट्रियों में अनियमितताओं के बारे लाए गये चार ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विपक्ष को खरी-खरी सुनाई और कहा कि अनियमितताओं का पता लगाने के लिए किसी विपक्षी ने हमें लिखकर नहीं दिया, बल्कि हमने स्वयं पता लगाने का निर्णय लिया है।

Imageध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि सुशासन सहयोगी रखने के बारे डा. रघुबीर सिंह कादियान पहले भी एक जिले का नाम ले रहे थे। अगर वे आज नाम नहीं बताते हैं तो उनके विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव भी लाया जा सकता है। इसी प्रकार, श्री अभय सिंह चौटाला के रजिस्ट्रियों भ्रष्टाचार के आरोपों पर भी विधानसभा अध्यक्ष ने आदेश दिए कि कोई सदस्य इस तरह के आरोप लगाता है तो उसे पुख्ता सबूत देने होंगे, अन्यथा विधानसभा नियमों के अनुसार उस सदस्य पर विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव सदन में लाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री के सदन व सदन से बाहर आत्मविश्वास से जिस तरह विपक्ष को दो टूक जवाब दिया तो किसी समय में मुख्यमंत्री को अनुभवहीन बताने वाले भी दंग रह गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे भ्रष्टाचार को किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं कर सकते। रजिस्ट्रियों पर लाए गये ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से 2020 के बीच हुई रजिस्ट्रियों का सत्यापित डाटा प्राप्त हो चुका है। यहां तक कि जनवरी, 2022 तक का डाटा भी उपलब्ध है। मुख्यमंत्री 2010 से 2016 के बीच हुई रजिस्ट्रियों की जांच करवाने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं। उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि यदि आवश्यक हुआ तो 2010 से पहले की रजिस्ट्रियों की जांच करवाने पर भी सरकार विचार कर सकती है।

विपक्ष द्वारा इस मामले में बीच का रास्ता निकालने के बारे बार-बार कहे जाने पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वे बीच का रास्ता निकालने में नहीं बल्कि वे सिस्टम से खामियां निकालने में विश्वास रखते हैं।