दूसरों से बात करने में आता है आलस, तो आप इस बीमारी के हो सकते हैं शिकार

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कहीं आप भी तो डिप्रेशन का शिकार नहीं, यहां चेक कर लीजिए

नई दिल्ली- आज के दौर में हर तीसरा या चौथा शख्स डिप्रेशन का शिकार है. ऐसा हम नहीं कह रहे ऐसा IMCR (Indian Council of Medical Research) की वार्षिक मैंटल हेल्थ रिपोर्ट कह रही है. इस रिपोर्ट में मुताबिक हिमाचल में 23.9% लोग मैंटल हेल्थ से जूझ रहे हैं. बात सिर्फ हिमाचल की ही नहीं है हम अगर अपने आस पास भी लोगों को देखें तो कई लोग हमें डिप्रेशन का शिकार दिख जाते हैं. डिप्रेशन की भी कई स्टेज होती है. जरुरी नहीं कि हम साधारण तौर पर जिन लोगों के आस-पास बैठे हो उनकी मैंटल हेल्थ ठीक हो. डिप्रेशन में पहले लोग अपने आस-पास वाले लोगों से, दोस्तों से, परिजनों से दूर हो जाते हैं और वो अकेले में ज्यादा समय बिताने लगते हैं.

हर उम्र के लोग है डिप्रेशन का शिकार

डिप्रेशन से आज हर उम्र के लोग पीड़ित हो रहे हैं. युवा से लेकर बुजुर्ग तक, यहां तक की छोटे बच्चे भी इस बीमारी से बचे नहीं है. ऐसे में हमें अपने परिवालवालों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहिए. अपने दोस्तों से समय निकाल कर मिलना चाहिए और जो चीज या किताबें हमें पसंद हो उन्हें पढ़ना चाहिए और अपनी पसंदीदा जगह पर घूमने जाना चाहिए. डिप्रेशन सबसे बुरी बीमारियों में से एक है जिसमें अगर आप एक बार चले गए तो आप उसमें धसते ही चले जाएंगें. लोग अक्सर डिप्रेशन में अपनी जान लेने की कोशिश भी करते है और कई बार सफल भी हो जाते है.

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डिप्रेशन में अकेले ना रहें

डिप्रेशन में अगर आप अकेले रहते हैं तो आप और अकेलेपन में डूब जाओगे और लोगों से बात करना आपके लिए उतना ही मुश्किल हो जाएगा. हम अक्सर डिप्रेशन को तब तक सिरयस नहीं लेते जब तक कोई अपने आप को कमरे में बंद नहीं कर लेता या खाना-पीना नहीं छो़ड़ देता लेकिन ये डिप्रेशन की अंतिम स्टेज होती है जिसमें दवाईयों और काउंसलिंग की जरुरत पड़ती ही है लेकिन हमें पहले ही डॉक्टर से कंसल्ट कर लेना चाहिए.