क्या राजनीति ही नहीं, व्यापार में भी वरदान साबित होता है राहुल का विरोध? कांग्रेस द्वारा जीयो बायकॉट के बाद तेजी से बढ़े जियो केनेक्शन, लैंडलाइन में भी नंबर वन बनी जियो

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राजनीति में राहुल गांधी का विरोध और उनके बयान कहीं ना कहीं हर बार मोदी सरकार को बढ़त दिलवा देते हैं और कांग्रेसी नेताओं को कई बार फजीहत भी सहन करनी पड़ती है। लेकिन अब लगता है कि राहुल के द्वारा किया गया विरोध, भाजपा के साथ साथ स्वदेशी कंपनियों के लिए वरदान बनता जा रहा है।

ज्यादातर भाजपाई नेताओं के खेमे में सुगबुगाहट रहती है कि जब तक राहुल गांधी उनके खिलाफ प्रचार नही करते, तब तक जीत आश्वस्त करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है, और पिछले कुछ वर्षों में हुए चुनावी समीकरण भी यही बताते आ रहे हैं। और अब यही यही जीत का फॉर्मूला स्वदेशी कंपनियों पर भी हावी होता दिख रहा है। हाल ही में कांग्रेस ने जियो बायकॉट करवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया और किसान आंदोलन समेत तमाम मोर्चों पर जियो के बायकॉट करने की नसीहत जनता को दी, लेकिन जनता ने इस मामले में कांग्रेस के गांधी की सलाह को नकारते हुए, रिलायंस जियो को नंबर वन फिक्सड ब्रॉडबेंड सर्विस घोषित कर दिया है। नवंबर माह के आंकड़े बताते हैं कि रिलायंस के फिक्सड लाइन ब्रॉडबैंड और टेलिफोन कनेक्शन की संख्या ने एयरटेल ही नहीं, बीएसएनएल के लैंडलाइन फोन के आंकड़ों को पछाड़ दिया और लैंडलाइन सर्विस में जियो अब नंबर वन कंपनी बन चुकी है

टेलिकॉम रेग्यूलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के ताजा आंकड़ो के अनुसार नवंबर माह में रिलायंस जियो के फिक्सड लाइन नंबरों की संख्या 4.34 मिलियन ग्राहकों तक पहुंच गई, वहीं बीएसएनएल के ग्राहकों की संख्या सिर्फ 4.2 मिलियन रह गई, एयरटेल भी बहुत पुरानी कंपनी होने के बावजूद ग्राहकों का भरोसा जीतने में तीसरे नंबर पर दिखलाई दे रही है, एयरटेल के फिक्सड लाइन ब्रॉडबेंड ग्राहकों की संख्या भी 4.8 मिलियन ही पहुंच पाई।

2 साल में रिलायंस फिक्सड लाइन बना नंबर वन- सिर्फ दो साल के अंतराल में जीरो से हीरो बनने वाला रिलायंस फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबेंड अब देश का नंबर वन नेटवर्क बन चुका है, जिसके पास देश के किसी भी अन्य टेलिकॉम ऑपरेटर के मुकाबले सबसे ज्यादा फिक्सड लाइन ब्रॉडबेंड ग्राहक हैं।

राहुल की राजनीति की बजाए, जनता को सुविधाओं, सर्विस और स्वदेशी से प्रेम

कांग्रेस द्वारा रिलायंस समूह का और खासतौर पर जिया का जबरदस्त विरोध करने के बावजूद जिस प्रकार से ये कंपनी आगे बढ़ कर देश की जनता की पहली पसंद बन रही है, उससे दो बातें स्पष्ट हैं पहला- कि कहीं ना कहीं दूसरों के मुकाबले में जियो की सर्विस और सुविधाएं बेहतर हैं और दूसरा कि कांग्रेस और खासतौर पर राहुल गांधी के द्वारा किए गए बायकॉट के राजनीतिक आवाहन को जनता ने पूर्णतया रिजेक्ट कर दिया है। जियो के बारे में एक खासबात और भी है कि इसकी तकनीक पूरी तरह भारत में विकसित है और स्वदेशी के प्रति जनता का रुझान पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है, जबकि मुकाबले में खड़ी दूसरी कंपनियां कहीं ना कहीं विदेशी फंडिंग से चल रही हैं।