प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स में गुरुवार को दोपहर के कारोबार के दौरान 2,700 अंकों से ज्यादा की गिरावट हुई और इस दौरान निफ्टी सूचकांक 9,700 के स्तर से नीचे आ गया। इसके चलते इक्विटी बाजार में निवेशकों के नौ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए। कारोबारियों के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोविड-19 को महामारी घोषित करने के बाद वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका के चलते यह गिरावट आई है। इससे पहले बीएसई सेंसेक्स सुबह लगभग 1,200 अंकों की गिरावट के साथ खुला और इसमें गिरावट आगे भी जारी रही। दोपहर के कारोबार के दौरान सेंसेक्स 2,707.39 अंकों की ढलान के साथ 32,990.01 के स्तर पर आ गया। खबर लिखे जाने तक 30 शेयरों वाला सूचकांक 2,267.21
अंक या 6.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 33,430.19 पर कारोबार कर रहा था। इसी प्रकार 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 809.75 अंकों की गिरावट के साथ 9,648.65 के निचले स्तर जा पहुंचा। खबर लिखे जाने तक यह 658.55 अंक या 6.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 9,799.85 पर था। सुबह के सत्र में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 82 पैसे टूटकर 74.50 तक पहुंच गया। हालांकि बाद मे इसमें कुछ सुधार हुआ और यह 46 पैसे की गिरावट के साथ 74.14 पर पहुंच गया। दलाल स्ट्रीट पर मची इस तबाही में निवेशक के 9,15,113 करोड़ रुपये डूब गए और बीएसई का कुल बाजार पूंजीकरण घटकर 127 लाख करोड़ रुपये हो गया,
जो बुधवार को कारोबार बंद होने पर 137 लाख करोड़ रुपये था। सेंसेक्स के सभी शेयर घाटे में कारोबार कर रहे थे। एक्सिस बैंक में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट आई। इसके अलावा एसबीआई, हीरो मोटोकॉर्प, आईटीसी, एमएंडएम, बजाज ऑटो और टाइटन में भी भारी बिकवाली देखने को मिली। कारोबारियों के अनुसार डब्ल्यूएचओ द्वारा कोरोना वायरस के प्रकोप को महामारी घोषित करने के बाद वैश्विक बाजारों में अस्थिरता चरम पर है। उन्होंने कहा कि वैश्विक इक्विटी बाजार में चौतरफा बिकवाली के अलावा तेल कीमतों में बड़े पैमाने पर गिरावट और रुपये की कमजोरी ने निवेशकों की चिंताओं को बढ़ा दिया है।