एनआईए का कहना है कि हरियाणा के एक मस्जिद में हाफिज सईद का पैसा लगा है। जिसके बाद मस्जिद सुरक्षा एजेंसियों के जांच के घेरे में आ गई है। एनआईए की जांच में सामने आया है कि इसमें कथित रुप से पाकिस्तान में हाफिज सईद के नेतृत्व वाले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का फंड लगा हुआ है। खुलाफा-ए-रशीदीन नाम की ये मस्जिद पलवल के उत्तावर जिले में बनी है।
इस पूरे मामले में एनआईए ने 3 अक्टूबर को मस्जिद की तलाशी ली थी। इससे पहले दिल्ली में टेरर फंडिंग मामले में इस मस्जिद के इमाम मोहम्मद सलमान समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने इसमें मोहम्मद सलमान के अलावा, मोहम्मद सलीम और साजिद अब्दुल वाणी को भी गिरफ्तार किया था। इन पर आरोप था कि इन सभी लोगों ने 26 सितंबर को लाहौर में स्थित फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन से आतंकी गतिविधियों के लिए पैसे लिए थे। एफआईएफ की स्थापना हाफिज सईद के जमात-उद-दावा ने की थी। गौरतलब है कि फलाह-ए-इंसानियत पाकिस्तान के लाहौर का एक संगठन है। इस जमात-उद-दावा ने स्थापित किया है और UAPA के अंतरगत आतंकी संगठन के श्रेणी में रखा गया है। NIA ने यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है।
एक मीडियो रिपोर्ट के मुताबिक एनआईए की जांच में पाया गया है कि सलमान ने मस्जिद बनाने के लिए एफआईएफ से ही पैसे लिए थे। वहीं स्थानीय लोगों के मुताबिक मस्जिद जिस जमीन पर बनी है, वो विवादित है। उन्हें सलमान के LeT से लिंक की जानकारी नहीं है। एनआईए मस्जिद के पदाधिकारियों से पूछताछ कर रही है और खाता किताबों की जांच जारी है। दान और दस्तावेजों के विवरण जब्त किए गए हैं।
एक NIA ऑफिसर ने कहा, कि ‘सलमान, जो दुबई में था, तब एलईटी से जुड़े लोगों के संपर्क में आया। उसे एफआईएफ से धन प्राप्त हो रहा था। संगठन ने उसे मस्जिद बनाने के लिए 70 लाख रुपए दिए। यहां तक की उसकी बेटियों के विवाह के लिए भी पैसा दिया। अब हम जांच कर रहे हैं कि मस्जिद को दान क्यों मिल रहा है और यह पैसा कैसे इस्तेमाल किया जा रहा है।