#MeToo : पिता विनोद दुआ पर लगे आरोप पर मल्लिका दुआ का निष्ठा जैन के नाम लेटर

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दिग्गज पत्रकार विनोद दुआ ने अपने वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर एक न्यूज़ लिंक साझा किया था जिसमें लिखा था “यौन शोषण के खिलाफ महिलाओं द्वारा शुरू किए गए #MeToo अभियान और राफेल सौदे की सीबीआई जाँच पर चर्चा ” इस ट्वीट के कुछ दिन बाद इनका नाम भी #MeToo मूवमेंट में सामने आया। आपको बता दें फिल्ममेकर निष्ठा जैन ने सालों पहले विनोद द्वारा किए गए सैक्सुअल हैरेसमेंट की कहानी बयां की है। आरोप सामने आने के बाद विनोद दुआ की बेटी कॉमेडियन मल्लिका दुआ ने पिता का समर्थन किया है।

 

निष्ठा जैन ने फेसबुक पोस्ट पर अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने लिखा- ”ये जून 1989 की बात है। मेरा बर्थडे था। मैं फेमस टीवी पर्सनैलिटी को इंटरव्यू देने गई थी, जो कि उन दिनों पॉपुलर शो जनवाणी करते थे। जब मैं पहुंची तो मेरे बैठने से पहले ही उन्होंने धीमी आवाज में अश्लील मजाक किया। वो मजाक हंसने लायक नहीं था, बेहद भद्दा था। मैं गुस्से में वहां बैठी रही। ”

”उन्होंने मुझे जॉब के बारे में बताया और मुझसे सैलरी के बारे में बात की। पूछा कि तुम कितनी सैलरी चाहती हो? मैंने कहा- 5000 रुपए। उन्होंने मेरी तरफ देखा और कहा- तुम्हारी औकात क्या है? मैं शॉक्ड रह गई थी। घर पहुंचने तक मेरी आंखों में आंसू थे। मेरा बर्थडे खराब हो चुका था। बाद में मुझे दूसरी कंपनी में नौकरी मिली। पता नहीं कैसे उस शख्स को इस बारे में मालूम पड़ा। मेरे ऑफिस के लोग उसके दोस्त थे। उन्होंने उसे मेरी टाइमिंग के बारे में बताया। ”

”एक रात मैं जब पार्किंग में गई तो वो वहां मौजूद था। उसने कहा कि वो मुझसे बात करना चाहता हैं। मुझे अपनी गाड़ी में बैठने को कहा। मैं गाड़ी मैं बैठी ही थी कि वो मुझे बुरी तरही के ताकने लगा। मैं किसी तरह से वहां से भागी। इसके बाद भी उसने कई दिनों तक मेरा पीछा किया। वो शख्स विनोद दुआ था। आज वे दुनिया को यौन उत्‍पीड़न का मतलब समझाता है। लेकिन इससे पहले उसे अपने अतीत में झांकना चाहिए।”

 

विनोद दुआ की बेटी मल्लिका ने पिता को सपोर्ट करते हुए लिखा- ”निष्ठा जैन, अगर मेरे पिता ने ये सब किया है तो ये अस्वीकार्य है। मैं इस मूवमेंट के पक्ष में हूं। लेकिन इसमें मेरा नाम घसीटना भयावह है। अवसरवादी भक्तों और ट्रोल्स, जो इसे मुझसे जोड़ रहे हैं, बता दूं मैं अभी भी सर्वाइवरों के साथ खड़ी हूं। महिलाओं को अपने एंटरटेनमेंट के लिए बयान देने को मजबूर ना करें। ये मेरे पिता की लड़ाई है। मैं उन्हें लड़ने दूंगी और उनके साथ खड़ी रहूंगी। ”