मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की कैबिनेट टीम ने ली शपथ

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के मंत्रिमंडल का चयन शुक्रवार को हो चुका है। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने 11 विधायकों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई।इसके साथ साथ त्रिवेंद्र सरकार में खाली चल रही कैबिनेट मंत्रियों के तीन रिक्त पदों को भी इस बार भरा गया है। मंत्रिमंडल में त्रिवेंद्र सरकार के ही कैबिनेट मंत्रियों को दोबारा जगह मिली है। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब तीरथ सिंह रावत को विधानसभा का सदस्य बनना होगा। अभी वह पौड़ी से लोकसभा सांसद हैं। उनके लिए बदरीनाथ से विधायक महेंद्र भट‌्ट ने अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की है।  चर्चा है कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की डोईवाला विधानसभा सीट से भी तीरथ सिंह रावत चुनाव लड़ सकते हैं। इससे पहले मंत्रिमंडल विस्तार से कुछ घंटे पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की जगह त्रिवेंद्र सरकार में रहे कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक को अध्यक्ष बनाया गया । त्रिवेंद्र सरकार में कौशिक सबसे ज्यादा पावरफुल मंत्री माने जाते थे। शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद ही सचिवालय में कैबिनेट बैठक भी बुलाई गई है।मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल रहे उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को दोबारा जगह मिली है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, महिला कल्याण मंत्री रेखा आर्य, परिवहन मंत्री यशपाल आर्य,पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को दोबारा पारी खेलने का मौका दिया जाएगा। मंत्रिमंडल में पहली बार कुछ नए नेताओं को भी शामिल किया गया है। इनमें, डिडिहाट से बिशन सिंह चुफाल, कालाढूंगी से बंशीधर भगत, हरिद्वार ग्रामीण से यतीश्वरानंद और मसूरी से गणेश जोशी ने भी शपथ ली है। ऐसा करके भाजपा हाईकमान गढ़वाल व कुमाऊं में बैलेंस बनाने में सफल हो गई है। भाजपा हाईकमान और तीरथ ने गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के विधायकों को प्रतिनिधित्व देकर प्रदेश में एक बैलेंस बनाने की पूरी कोशिश की है। ऐसा करने से भाजपा संगठन प्रदेश में अगले साल-2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी फोकस करना चाहता है। बता दें कि तीरथ सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। तभी से नामों के कयास लगने का सिलसिला शुरू हो गया था। कैबिनेट में मंत्रियों को शामिल करने से पहले संगठन, सांसदों सहित विधायकों से फीडबैक भी लिया गया था। भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम का कहना है कि पार्टी के सांसदों व विधायकों सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की राय भी ली गई है लेकिन मंत्रियों के नाम पर दिल्ली हाईकमान ने ही मुहर लगाई है।