किसान आंदोलन या अन्तर्राष्ट्रीय साजिश

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दिल्ली पुलिस की साइबर शाखा ने जांच में पाया है की जिस टूलकिट का इस्तेमाल नीकिता जैकब, दिशा रवि और ग्रेटा थनबर्ग कर रही थी उसे दरअसल किसान आंदोलन के नाम पर खालिस्तानी एजेंडे को इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया था । पुलिस को जांच में ये भी पता चला है की नीकिता जैकब, शांतनु और दिशा रवि के अलावा पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थाप ओएम धालिवाल के अलावा 70 लोगो का ग्रुप बनाया गया था जिसने 26 जनवरी से पहले जूम पर मिटिंग भी की थी । दिल्ली पुलिस अब शांतनु और नीकिता जैकब को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है जबकि ओएम धालिवाल कनाड़ा से पूरे मामले में संलिप्त है । नीकिता जैकब ने टूलकिट मामले में  मुंबई हाईकोर्ट से अग्रीम जमानत ले ली है जिसे 4 हफ्तों के लिए अदालत ने दिया है । नीकिता जैकब के वकील ने अदालत में दायर हलफनामे में कहा है की टूलकिट को उनकी क्लाइंट ने नहीं तैयार किया बल्कि EXTENSION REBELLION नाम की संस्था ने तैयार किया है जिसका मकसद किसी मुद्दे को कम समय में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक प्रचारित करना रहता है। हालाकि दिल्ली पुलिस ने जो  जांच रिपोर्ट अदालत को सौंपी है उसके मुताबिक टूलकिट गलती से पब्लिक डोमेन में आ गया था। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने दिशा रवि के डिलिट किए जा चुके वॉट्स अप डाटा को दोबारा रिविल कर लिया है । पुलिस अब उन लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है जो भारत की छवि खराब करने की अन्तर्राष्ट्रीय साजिश में शामिल हैं । दिल्ली पुलिस ने हाल ही में गुगल से उन डोमेन के आपी एड्रेस मांगे हैं जिनसे भारत विरोधी सामग्री सोशल मीडिया पर डाली गई थी ।