सोशल मीडिया योद्धा

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मौजूदा समय में सोशल मीडिया के माध्यम से भारत विरोधी भ्रामक प्रचार दूनिया भर में किया जा रहा है । आलम ये है की इसमें भारत विरोधी चीन और पाकिस्तान और खालिस्तान ही नहीं विदेशों में रह रहे भारतीय और विदेशी मूल के लोग भी शामिल हैं ।भारत सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को 1178 अकाउंटों को बंद करने का निर्देश दिया है जिनसे भारत विरोधी भ्रामक प्रचार किया जा रहा है ।  भारत के खिलाफ भ्रामक प्रचार के तौर पर ग्रेटा थमबर्ग जैसे लोग भी सामने आ चुके हैं जिनके इशारे पर दिशा कवि ने भारत में तथाकथित किसानो के समर्थन में टूलकिट जैसे सोशल मीडिया हथियार का इस्तेमाल किया है । भारत सरकार अब ऐसे देश विरोधी लोगों के खिलाफ साइबर वॉलेंटियरों की फौज खड़ा करने जा रही है जो ऐसे भ्रामक प्रचार सामग्री के उपर न सिर्फ नजर रखेगी बल्कि उसके खिलाफ हमलों का जवाब भी देगी । सोशल मीडिया पर भारत विरोधियोो को जवाब देने के लिए गृह मंत्रालय ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरु की है । इस पोर्टल पर साइबर अपराध से जुड़ी जानकारी के अलावा भारत विरोधी भ्रामक प्रचार को फ्लैग कर सकते हैं जिसके खिलाफ भारत सरकार का आईटी विभाग कार्रवाई करेगा । मौजूदा समय में कश्मीर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह इस तरह के साइबर योद्धा पहले ही काम कर रहे हैं जहां हाल ही में इंटरनेट सेवा को दोबारा शुरु किया गया है । कश्मीर के कुछ इलाकों को छोड़ कर बाकी जम्मू कश्मीर में 5 फरवरी को 18 महीनों बाद इंटरनेट को दोबारा बहाल किया गया है । हालाकि साइबर अपराध को लेकर कानून बहुत ज्यादा पेचिदा है  जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर परोसी जा रही भारत विरोधी सामग्री को अभिव्यक्ति की आजादी का नाम दिया जा रहा है । परोक्ष तौर पर सरकार की विचारधारा और नीतियों की अलोचना , नेताओं पर सवाल उठाने को  मानवाधिकार बता रहे हैं जिसमें सरकार की नीतियों की आलोचन नागरिकों का अधिकार है । सोशल मीडिया दिशाहीन और बेलगाम है ये बात सुप्रीम में अर्जी दायर कर मांग की गई है की अदालत सोशल मीडिया पर लगाम लगाने के लिए कोई उपाय करे । ग्रेटा थमबर्ग हो या दिशा रवि या अन्य पार्टियों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म संभालने वालों  ने जिस तरह भारत विरोधी अभियान शुरु किया उसे अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर देश विरोधी प्रचार प्रसार के रोकना जरुरी है ।