लखबीर सिंह के अंतिम संस्कार पर भाजपा ने उठाया सवाल, कहा पंजाब में दलित परिवार को सम्मानपूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार की भी इजाजत नहीं ??

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सिंघु बॉर्डर पर किसानों के धरनास्थल के समीप लखबीर सिंह नाम के दलित सिख की हत्या कर दी गई थी। लखबीर की बेरहमी से हत्या के मामले में तीन निहंग सिखों ने अब तक पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। लेकिन गिरफ्तारियों के बावजूद इसे लेकर सियासी घमासान थमता नजर नहीं आ रहा।

लखबीर सिंह का जिस तरीके से अंतिम संस्कार किया गया उसको लेकर पंजाब की कांग्रेस सरकार पर विपक्ष सवाल खड़ा कर रहा है। बीजेपी की आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय ने लखबीर की हत्या को लेकर कांग्रेस पर हल्ला बोला है।

 

अमित मालवीय ने एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लखबीर के अंतिम संस्कार को लेकर भी सवाल खड़े किए और कांग्रेस की सरकार को घेरा। अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 35 साल के दलित सिख लखबीर सिंह जिनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, उनका रात के अंधेरे में आनन-फानन में अंतिम संस्कार कर दिया गया।

अमित मालवीय ने कहा कि पंजाब में मरने वालों की कोई की कोई इज्जत नहीं, ऐसा सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि मृतक दलित था ।

गौरतलब है कि अमित मालवीय ने जो ट्वीट रिट्वीट किया है, उसमें कहा गया है कि सिंघु बॉर्डर पर मारे गए लखबीर सिंह के शव का अंतिम संस्कार कल शाम मोबाइल टॉर्च की रोशनी में पंजाब के चीमा गांव में हुआ। इसी ट्वीट में ये भी आरोप लगाया गया है कि परिजनों को उसका चेहरा तक नहीं दिखाया गया। बॉडी एम्बुलेंस से सीधे श्मशान घाट पहुंची,तेल डालकर बॉडी को जल्दी जला दिया गया।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अंतिम संस्कार के दौरान ‘अरदास’  के लिए कोई सिख ग्रंथी मौजूद नहीं था। उसके गांव चीमा कलां से भी कोई व्यक्ति अंत्येष्टि में शामिल नहीं हुआ।