शेल्टर होम में प्रवासी मजदूरों की काउंसलिंग न हों रुष्ट, तनमन रखें तंदुरुस्त

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‘ये सजा नहीं है, न ही आप किसी जेल में हैं। सरकार ने यह सब आपकी सुरक्षा के लिए किया है। आप सुरक्षित रहेंगे तो आपका परिवार और समाज सुरक्षित रहेगा।’ कुछ इस तरह समझा रही है मानसिक स्वास्थ्य विभाग की टीम उन प्रवासी मजदूरों व अन्य लोगों को जो कोरोना के चलते शेल्टर होम में ठहरे हुए हैं। इन लोगों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए उनकी काउंसलिंग की जा रही है। साथ ही बताया जा रहा है कि किस तरह लॉकडाउन के दौरान वह अपना समय बेहतर तरीके से किस तरह व्यतीत करें। मानसिक स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डा. भारत भूषण ने बताया इस काम को मानसिक स्वास्थ्य टीम के सदस्य बखूबी अंजाम दे रहे हैं। इस टीम में मनोचिकित्सक डा. तनूजा गुप्ता, साइकोलोजिस्ट सोशल वर्कर रजनी सूरी, क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट नीति सिंह, सोशल वर्कर विकास मिश्रा हैं।

डा. तनूजा ने बताया काउंसलिंग के दौरान शेल्टर होम में रहने वालों से पूछा जा रहा है कि उन्हें इस वक्त किसी तरह का मानसिक तनाव तो नहीं है। जो लोग अपनी समस्या बताते हैं उन्हे उसका समाधान बताया जाता है। लोगों को मानसिक तनाव दूर करने के उपाय बताये जा रहे हैं। उन्हें बताया जा रहा है कि वह खाली समय में टीबी देखें, म्यूजिक सुनें, योगा करें, ठीक तरीके से खाना खाना खाएं। इसके अलावा उन्हें बताया जा रहा है कि हर समय घर जाने को लेकर तनाव न पालें, मास्क पहनें, एक दूसरे से एक मीटर की दूरी बनाए रखें, खांसते छीकते वक्त अपना मुह-नाक ढक कर रखें। दिन में एक बार जरूर नहाये, कपड़ों को अच्छी तरह धूप में सुखाएं। यहां रह रहे अधिकतर लोगों ने कहा कि उन्हें ऐसा लग रहा है कि किसी तरह की सजा हो गयी है, उन्हें कैद कर लिया गया है, इसपर साइकोलोजिस्ट सोशल वर्कर रजनी सूरी ने कोरोना के बारे में विस्तार से बताया कि किस तरह यह बीमारी एक आदमी से दूसरे में फैलती है, इसलिए आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा के लिए आपको 14 दिन के लिए यहां रखा गया है। अगर कहीं आप इस बीमारी लेकर घर जाते तो घर परिवार आस-पड़ौस में भी संक्रमण फैल सकता था। सरकार ने आपकी सुरक्षा के लिए ही सबकुछ किया है।

टीम सदस्य स्वास्थ्य पर भी रखे हुए हैं पैनी नजर मानसिक स्वास्थ्य टीम के सदस्य दौरे और कांउसलिंग के दौरान यहां शेल्टर होम में ठहरे हुए लोगों के सामान्य स्वास्थ्य पर भी पूरा ध्यान रखते हैं। कुछ शेल्टर होम में कुछ लोगों को खांसी बुखार की शिकायत मिली थी, इसकी सूचना तुरंत सीएमओ की दी गयी, जिस पर उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गये। इसके अलावा सभी को यह भी समझाया गया कि खांसी जुकाम या बुखार होने का मतलब कोरोना संक्रमण नहीं है। यह इस बदलते मौसम में सामान्य बात है लेकिन इसका उपचार भी तुरंत कराना जरूरी है। पिछले तीन दिन में मानसिक स्वास्थ्य टीम छह शेल्टर होम का दौरा कर वहां काउंसलिंग कर चुकी है। नोएडा में 20 शेल्टर होम बनाए गये हैं। मंगलवार को नोएडा सेक्टर 63 में बनाए गये शेल्टर होम में 13 लोगों, सेक्टर 62 में एक, पर्थला चौक में 17, नगला चरणदास में 24, नगला दास में चार लोगों की काउंसलिंग की गयी।

गौहर अनवर