नेताजी पर आधारित झांकी को रिजेक्ट करने का मामला कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंचा, सुनवाई आज

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कलकत्ता। नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर आधारित पश्चिम बंगाल की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं करने का मामला कलकत्ता हाईकोर्ट में पहुंच गया है। इसे लेकर हाईकोर्ट में PIL दायर की गई है, जिस पर आज सुनवाई हो सकती है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर रविवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने का वादा करके महान स्वतंत्रता सेनानी पर आधारित राज्य की गणतंत्र दिवस झांकी को शामिल न करने की अपनी गलती से पल्ला नहीं झाड़ सकती। ममता बनर्जी ने दोहराया कि झांकी को सरसरी तौर पर खारिज करने का कोई कारण नहीं बताया गया। सीएम बनर्जी कहा, “हम यहां रेड रोड पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान झांकी निकालेंगे। आप देखेंगे कि यह कितनी जीवंत और रचनात्मक झांकी है, जो नेताजी की वीरता और स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ की भावना को समेटे हुए है। केंद्र झांकी को ठुकराकर पश्चिम बंगाल के साथ हुए अन्याय से अपना पल्ला नहीं झाड़ सकता है। ” झांकी का विषय नेताजी सुभाष चंद्र बोस और उनके INA की 125वीं जयंती पर उनके योगदान को याद करना था। महान स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष को याद करते हुए उनके चित्रों को झांकी में शामिल किया गया था, लेकिन बंगाल सीएम के मुताबिक इसे केंद्र की तरफ से अस्वीकार कर दिया गया है। इस पर पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा कि इसका बहिष्कार इन स्वतंत्रता सेनानियों के महत्व को कम आंकने के बराबर है।