बॉलिवुड ऐक्टर शम्मी कपूर की आज जयंती है। 21 अक्टूबर 1931 को मुंबई में जन्मे शम्मी कपूर का नाम पहले शमशेर रखा गया था। शम्मी कपूर का ज्यादातर बचपन पेशावर में कपूर हवेली में बीता था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है। इसके साथ ही कोलकाता में भी कई सालों तक वह रहे। इसके बाद उन्होंने मुंबई में अपनी पढ़ाई पूरी की।
क्या आप जानते हैं शम्मी कपूर उस वक्त इंटरनेट का इस्तेमाल कर लेते थे, जब भारत में इंटरनेट आया भी नहीं था। इतना ही नहीं, उन्होंने कई इंटरनेट ऑर्गेनाइजेशंस भी बनाईं। एक रिपोर्ट के अनुसार खुद शम्मी ने एक इंटरव्यू में बताया था,
‘ आपको इंटरनेट 1995 में मिला बीएसएनएल के जरिये। मैंने इसे एक शौक की तरह लिया। मैं एपल इस्तेमाल करता था और उन्होंने हमें एक वेबसाइट दी थी जिसका नाम था- ईवर्ल्ड. ब्रिटिश टेलीकॉम ने हमें बीएसएनएल के जरिये एक लाइन दी थी। ये 1994 की बात है। उस समय भारत में बीएसएनएल उपलब्ध भी नहीं था।’
शम्मी कपूर की लवलाइफ से जुड़े कई किस्सों में से एक ये भी था उन्हें मुमताज बेहद पसंद थीं। उन्होंने मुमताज को शादी के लिए प्रपोज भी किया था। मगर मुमताज ने उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया था। बाद में कई इंटरव्यूज में मुमताज ने इसकी वजह भी बताई. उन्होंने कहा- उस वक्त मैं सिर्फ 18 साल की थी।
मुझे एक के बाद एक ऑफर मिल रहे थे। मैं उस वक्त घर नहीं बसाना चाहती थी और शम्मी मुझसे शादी करना चाहते थे। मैं उनकी बहुत इज्जत करती थी, मगर मैं शादी के प्रस्ताव पर हां नहीं कह सकी।
हालांकि बाद में सन् 1955 में शम्मी ने गीता बाली से शादी कर ली थी। उन्होंने मंदिर में ये शादी की थी और बाद में अपने पैरेंट्स को फोन पर इसके बारे में बताया।
शम्मी कपूर इसके बाद फेमस ऐक्ट्रेस गीता बाली के नजदीक आए। दोनों का प्यार परवान चढ़ा और उन्होंने शादी का फैसला किया। हालांकि, कपूर परिवार इस रिश्ते के खिलाफ था। ऐसे में दोनों ने गुपचुप तरीके से मंदिर में शादी की। कहा जाता है कि इस दौरान उनके पास सिंदूर भी नहीं था ऐसे में शम्मी कपूर ने गीता बाली की लिपस्टिक से मांग भरी थी।
शादी कर यह जोड़ा शम्मी कपूर के घर पहुंचा। कुछ दिनों तक परिवार वाले नाराज रहे लेकिन बाद में उन्होंने भी इस विवाह को सहमति दे दी। शम्मी और गीता को दो बच्चे हुए। इस हैपी कपल की शादी को 10 साल ही हुए थे कि गीता बाली को चेचक हो गया और उनकी हालत इतनी बिड़गी कि साल 1965 में उनका देहांत हो गया।
गीता की मौत का शम्मी को बड़ा झटका लगा। उन्होंने अपना ध्यान रखना ही बंद कर दिया और इसका असर उनके फिल्मी करियर पर पड़ने लग गया। परिवार वालों के दबाव की वजह से शम्मी को शादी के लिए हां बोलना ही पड़ा और फिर उन्होंने भावनगर की रॉयल फैमिली की नीला देवी से शादी की।
शम्मी ने नीला के सामने शर्त रखी थी कि शादी के बाद वो माँ नहीं बनेंगी। उन्हें गीता के बच्चों को ही पालना होगा। नीला देवी इस शर्त के लिए मान गई। उन्होंने जिंदगी भर अपने बच्चों की तरह ही गीता के बच्चों को पाला और उन्हें माँ का पूरा प्यार दिया।
साल 2011 में 7 अगस्त को शम्मी कपूर को गुर्दे की बीमारी के कारण भर्ती किया गया। उनकी हालत तेजी से बिगड़ी और उन्हें वेंटिलेटर सपॉर्ट दिया गया। 14 अगस्त 2011 को उनका इलाज के दौरान निधन हो गया।