यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बड़ी पहल ने बदली मिट्टी कारीगरों की किस्मत

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लखनऊ- यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के मिट्टी के कारीगरों को प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करने के लिए माटी कला बोर्ड का गठन किया था।

साल 2018 में राज्य की योगी सरकार द्वारा मिट्टी के कारीगरों की मदद के लिए 2018 में की गई एक पहल अगले चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए भी मददगार साबित हो रही है।

इसमें मुख्य रूप से पिछड़े समुदाय के प्रजापति जाति के लोग शामिल हैं। ये लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियाँ और मिट्टी के दीपक बनाते हैं जो हाल के वर्षों में चीन से तेजी से आयात किए जाते रहे हैं। योगी सरकार की इस पहल से मिट्टी के कारीगरों को व्यापार में बड़ा फायदा हुआ साथ ही सरकार को भी इस फैसले से आने वाले चुनाव में बड़ी मदद मिल सकती है।

योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में भाजपा द्वारा आयोजित ओबीसी “अन्य पिछड़ी जातियों” की बैठक में अपने संबोधन मे कहा, “पहले ये मूर्तियां चीन में बनती थीं। वे अपनी इच्छा के अनुसार चार्ज करते थे। बाजार में मुनाफा कमाते थे। हमने 2017 में सत्ता में आने के बाद माटी कला बोर्ड शुरू किया।”

सीएम ने कहा कि ऋण के साथ-साथ कारीगरों को प्रशासन द्वारा मार्जिन मनी भी दी गई है। उन्होंने कहा, “कारीगरों को उपकरण, पीओपी, रंग प्रदान किए जा रहे हैं। मुझे लगता है कि यह समुदाय के विश्वास के सम्मान को चिह्नित करने वाला एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम भी है।”

इस बैठक में धर्मवीर प्रजापति सहित कई प्रजापति नेताओं ने भाग लिया, जिन्हें हाल ही में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था। पिछले तीन वर्षों में, मिट्टी कला बोर्ड ने 40,000 कारीगरों की पहचान की है और 5,261 कुम्हार कारीगरों को बिजली के पहिये दिए गए हैं। मुफ्त में मिट्टी खोदने के लिए 35,000 राजस्व पट्टे दिए हैं। 3,000 से अधिक कारीगरों को समकालीन डिजाइन के अनुसार प्रशिक्षित किया है।

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