किसानों के नाम पर चुनावी तैयारी, अराजकता की राह में पेट्रोल पंप, highway बंद करने वाली तालिबानी सोच क्यों?

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किसानों के नाम पर चुनावी तैयारी, अराजकता की राह में पेट्रोल पंप, highway बंद करने वाली तालिबानी सोच क्यों?

किसानों के नाम पर चुनावी तैयारी  –मुजफ्फरनगर में रविवार को हुई किसान महापंचायत के अलग-अलग पहलू सामने आ रहे हैं। किसान नेताओं का कहना है कि वे किसान आंदोलन किसानों के विरोध में लाए गए तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए कर रहे हैं, वहीं बीजेपी के नेताओं का कहना है कि जो लोग पीएम मोदी और बीजेपी के विरोधी हैं, वो इस आंदोलन का संचालन कर रहे हैं। हालांकि दोनों दलों की ही बात अभी साबित नहीं हुई, पर किसान महापंचायत के कुछ ऐसे राज जरुर सामने आए हैं जो किसान आंदोलन को विपक्ष की वोट बैंक तैयार करने के मंच को सही साबित करता है, जैसे-

RLD के समर्थक


मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत में RLD के समर्थक भारी संख्या में शामिल हुए थे। वहीं दूसरी ओर किसान महापंचायत में आए एक किसानों की जुबान फिसल गई थी, कि वो पैसे लेकर किसान आंदोलन का हिस्सा बना है। तो इनसे तो यही साबित होता है कि किसान आंदोलन की आड़ में विपक्ष अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने में लगा है।

किसानों के नाम पर चुनावी तैयारी, अराजकता की राह में पेट्रोल पंप, highway बंद करने वाली तालिबानी सोच क्यों?

 

इसके अलावा किसान नेताओं ने किसान महापंचायत में साफ कहा था कि वे भाजपा को यूपी और उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों में उखाड़ फेंकेगें, तो इससे तो ये साफ है कि वे भाजपा की जगह किसी और विपक्षी पार्टी के लिए वोट बैंक तैयार करने में जुटे हैं।

वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत में इस बात की ओर भी इशारा किया था कि वे दिल्ली के चारों बॉर्डरों को खोलने नहीं देंगें। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन जब तक चालु रहेगा तब तक केंद्र सरकार तीन काले कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती।