उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की अंतर्कलह: हरीश बनाम प्रीतम की जंग हुई तेज, दोनों में 36 का आंकड़ा

2

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ये मुश्किल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के उस ट्वीट से बढ़ी है, जिसमें उन्होंने संगठन के कामकाज को लेकर नाराजगी जाहिर की थी.

कांग्रेस में हरीश रावत बनाम प्रीतम सिंह की जंग तेज हो चली है। चुनाव नजदीक आते ही दोनों धड़ों के बीच खींचतान बढ़ गई है। कभी थे एक दूसरे करीबी, आज 36 का आंकड़ा  हैं। धरातल पर भी यह दूरी साफ नजर आ रही है। चुनाव नजदीक आते ही दोनों धड़ों के बीच खींचतान बढ़ गई है। ऐन चुनाव से छह महीने पहले कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए गए। इसमें हरीश रावत कैंप ने प्रीतम गुट को झटका दिया। प्रीतम सिंह को कांग्रेस अध्यक्ष से बदल कर नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया। हालांकि चार कार्यकारी अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष अपने मन मुताबिक बना कर प्रीतम कैंप ने जवाब भी दिया। ये खींचतान अब और तेज हो चली है। प्रीतम सिंह भी चकराता को छोड़ कर अब हरीश रावत के गढ़ में जाकर प्रचार कर रहे हैं। कुमाऊं मंडल में भी प्रीतम अब लगातार सक्रिय हैं। रामनगर, भीमताल समेत कई स्थानों पर प्रीतम सिंह रैलियां कर रहे हैं। हरीश रावत लगातार चुनाव में कांग्रेस का चेहरा घोषित करने को लेकर दबाव बना रहे हैं। इसे लेकर वो लगातार सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय भी हैं।

दूसरी ओर प्रीतम सिंह साफ कह चुके हैं कि दूल्हे का चेहरा ऐन मंडप पर ही नजर आएगा। उनका जोर सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर रहा है। दोनों धड़ों को पूरी तरह लग रहा है कि 2022 में कांग्रेस की सरकार में वापसी हो रही है। ऐसे में सीएम पद को लेकर अभी से धड़ेबाजी तेज हो चली है। इसी धड़ेबाजी ने कांग्रेस की गुटबाजी को सड़क पर ला दिया है। हरीश बनाम प्रीतम के बीच की इस जंग में कार्यकर्ता, समर्थक मायूस और असमंजस में हैं। सभी को डर है कि ये खींचतान कहीं चुनाव में कांग्रेस को नुकसान न पहुंचाए।

यही वजह है कि आलाकमान ने दोनों को दिल्ली तलब किया है. बताया जा रहा है कि राहुल गांधी आज इन दोनों से मुलाकात कर सकते हैं.कांग्रेस इस स्थिति को संभालने की कोशिश में जुट गई है.सूत्रों ने बताया है कि पार्टी हाईकमान ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को स्थिति जल्द से जल्द संभालने के निर्देश दिए हैं.