
उत्तराखंड सरकार राज्य में मिलेट (श्रीअन्न) उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत चारधाम यात्रा मार्ग और प्रमुख पर्यटन स्थलों पर मिलेट–आधारित बेकरी स्थापित की जाएंगी, ताकि तीर्थयात्री और पर्यटक स्थानीय उत्पादों का स्वाद ले सकें और किसान व महिला समूहों को सीधा बाज़ार मिल सके।
शुक्रवार को हाथीबड़कला स्थित कैंप कार्यालय में हुई विभागीय समीक्षा बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मिलेट से जूस, केक और अन्य बेकरी उत्पाद तैयार कर बाजार में उतारे जाएं। इससे किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे और युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर ज़ोर
मंत्री ने ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में वे–साइट एमिनिटी सेंटर स्थापित किए जाएं, जहां स्वयं सहायता समूह (SHG) द्वारा तैयार स्थानीय उत्पाद बेचे जा सकें। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और स्थानीय उत्पादों को पहचान मिलेगी।
महिलाएं बनीं लखपति दीदी
बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 1.65 लाख महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं। विकासनगर क्षेत्र में समूह से जुड़ी महिलाएं मंडुवा व झंगोरे के बिस्कुट बना रही हैं, जबकि हरिद्वार में सिंघाड़े के बिस्कुट जैसे अभिनव उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं।
अन्य मुद्दों पर चर्चा
बैठक में प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना (PMKSY) को लेकर भी चर्चा हुई और तय किया गया कि कृषि विभाग के साथ जल्द संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही मंत्री ने सेवा पखवाड़ा कार्यक्रमों की समीक्षा, ब्लॉक स्तर पर तैनात मिशन मैनेजर के मानदेय में बढ़ोतरी और ऊधम सिंह नगर व टिहरी में प्रस्तावित सरस मेलों की तैयारियों की भी समीक्षा की।