मन की बात: GeM Portal और फिटनेस के साथ ही पीएम मोदी ने दिया पानी बचाने का संदेश

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मन की बातके श्रोताओं को यह जानकर के अच्छा लगेगा कि घरेलू स्तर पर भी हमारे लघु उद्यमियों की सफलता हमें गर्व से भरने वाली है। Imageआज हमारे लघु उद्यमी सरकारी खरीद में Government e-Market place यानी GeM के माध्यम से बड़ी भागीदारी निभा रहे हैं। Technology के माध्यम से बहुत ही transparent व्यवस्था विकसित की गयी है। पिछले एक साल में GeM portal के जरिए, सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की चीजें खरीदी हैं। देश के कोने-कोने से करीब-करीब सवा-लाख लघु उद्यमियों, छोटे दुकानदारों ने अपना सामान सरकार को सीधे बेचा है। एक ज़माना था जब बड़ी कम्पनियां ही सरकार को सामान बेच पाती थीं। लेकिन अब देश बदल रहा है, पुरानी व्यवस्थाएँ भी बदल रही हैं। अब छोटे से छोटा दुकानदार भी GeM Portal पर सरकार को अपना सामान बेच सकता है यही तो नया भारत है। ये न केवल बड़े सपने देखता है, बल्कि उस लक्ष्य तक पहुँचने का साहस भी दिखाता है, जहां पहले कोई नहीं पहुँचा है। इसी साहस के दम पर हम सभी भारतीय मिलकर आत्मनिर्भर भारत का सपना भी जरुर पूरा करेंगे।

मेरे प्यारे देशवासियो, हाल ही में हुए पदम् सम्मान समारोह में आपने बाबा शिवानंद जी को जरुर देखा होगा। 126 साल के बुजुर्ग की फुर्ती देखकर मेरी तरह हर कोई हैरान हो गया होगा और मैंने देखा,Image पलक झपकते ही, वो नंदी मुद्रा में प्रणाम करने लगे। मैंने भी बाबा शिवानंद जी को झुककर बार-बार प्रणाम किया। 126 वर्ष की आयु और बाबा शिवानंद की Fitness, दोनों, आज देश में चर्चा का विषय है। मैंने Social Media पर कई लोगों का comment देखा, कि बाबा शिवानंद, अपनी उम्र से चार गुना कम आयु से भी ज्यादा fit हैं। वाकई, बाबा शिवानंद का जीवन हम सभी को प्रेरित करने वाला है। मैं उनकी दीर्घ आयु की कामना करता हूँ। उनमें योग के प्रति एक Passion है और वे बहुत Healthy Lifestyle  जीते हैं।

जीवेम शरदः शतम्।

हमारी संस्कृति में सबको सौ-वर्ष के स्वस्थ जीवन की शुभकामनाएँ दी जाती हैं। हम 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाएंगे।Image आज पूरे विश्व में health को लेकर भारतीय चिंतन चाहे वो योग हो या आयुर्वेद इसके प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है। अभी आपने देखा होगा कि पिछले ही सप्ताह कतर में एक योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें 114 देशों के नागरिकों ने हिस्सा लेकर एक नया World Record बना दिया। इसी तरह से Ayush Industry का बाजार भी लगातार बड़ा हो रहा है। 6 साल पहले आयुर्वेद से जुड़ी दवाइयों का बाजार 22 हजार करोड़ रुपए के आसपास का था। आज Ayush Manufacturing Industry, एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपए के आसपास पहुँच रही है, यानि इस क्षेत्र में संभावनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। Start-Up World में भी, आयुष, आकर्षण का विषय बनता जा रहा है।

Health Sector के दूसरे Start-Ups पर तो मैं पहले भी कई बार बात कर चुका हूँ, Imageलेकिन इस बार Ayush Start-Ups पर आपसे विशेष तौर पर बात करूँगा। एक Start-Up है Kapiva ! (कपिवा)। इसके नाम में ही इसका मतलब छिपा है। इसमें Ka का मतलब है- कफ, Pi का मतलब है- पित्त और Va का मतलब है- वात। यह Start-Up हमारी परम्पराओं के मुताबिक Healthy Eating Habits पर आधारित है। एक और Start-Up, निरोग-स्ट्रीट भी है , Ayurveda Healthcare Ecosystem में एक अनूठा Concept है। इसका Technology-driven Platform, दुनिया-भर के Ayurveda Doctors को सीधे लोगों से जोड़ता है। 50 हजार से अधिक Practitioners इससे जुड़े हुए हैं। इसी तरह, Atreya (आत्रेय) Innovations, एक Healthcare Technology Start-Ups है, जो, Holistic Wellness के क्षेत्र में काम कर रहा है। Ixoreal (इक्जोरियल) ने न केवल अश्वगंधा के उपयोग को लेकर जागरूकता फैलाई है, बल्कि Top-Quality Production Process पर भी बड़ी मात्रा में निवेश किया है। Cureveda (क्योरवेदा) ने जड़ी-बूटियों के आधुनिक शोध और पारंपरिक ज्ञान के संगम से Holistic Life के लिए Dietary Supplements का निर्माण किया है।

अभी तो मैंने कुछ ही नाम गिनाए हैं, ये लिस्ट बहुत लंबी है। ये भारत के युवा उद्यमियों और भारत में बन रही नई संभावनाओं का प्रतीक है। मेरा Health Sector के Start-Ups और विशेषकर  Ayush Start-Ups से एक आग्रह भी है। आप Online जो भी Portal बनाते हैं, जो भी Content create करते हैं, वो संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त सभी भाषाओँ में भी बनाने का प्रयास करें। दुनिया में बहुत सारे ऐसे देश हैं जहाँ अंग्रेजी न इतनी बोली जाती है और ना ही इतनी समझी जाती है। ऐसे देशों को भी ध्यान में रखकर अपनी जानकारी का प्रचार-प्रसार करें। मुझे विश्वास है, भारत के Ayush Start-Ups बेहतर Quality के Products के साथ, जल्द ही, दुनिया भर में छा जायेंगे

 स्वास्थ्य का सीधा संबंध स्वच्छता से भी जुड़ा है। मन की बातमें, हम हमेशा स्वच्छता के आग्रहियों के प्रयासों को जरूर बताते हैं। ऐसे ही एक स्वच्छाग्रही हैंImage चंद्रकिशोर पाटिल जी। ये महाराष्ट्र में नासिक में रहते हैं। चंद्रकिशोर जी का स्वच्छता को लेकर संकल्प बहुत गहरा है। वो गोदावरी नदी के पास खड़े रहते हैं, और लोगों को लगातार नदी में कूड़ा-कचरा न फेंकने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्हें कोई ऐसा करता दिखता है, तो तुरंत उसे मना करते हैं। इस काम में चंद्रकिशोर जी अपना काफी समय खर्च करते हैं। शाम तक उनके पास ऐसी चीजों का ढेर लग जाता है, जो लोग नदी में फेंकने के लिए लाए होते हैं। चंद्रकिशोर जी का ये प्रयास, जागरूकता भी बढ़ाता है, और, प्रेरणा भी देता है। इसी तरह, एक और स्वच्छाग्रही हैं उड़ीसा में पुरी के राहुल महाराणा। राहुल हर रविवार को सुबह-सुबह पुरी में तीर्थ स्थलों के पास जाते हैं, और वहाँ plastic कचरा साफ करते हैं। वो अब तक सैकड़ों किलो plastic कचरा और गंदगी साफ कर चुके हैं। पुरी के राहुल हों या नासिक के चंद्रकिशोर, ये हम सबको बहुत कुछ सिखाते हैं। नागरिक के तौर पर हम अपने कर्तव्यों को निभाएं, चाहे स्वच्छता हो, पोषण हो, या फिर टीकाकरण, इन सारे प्रयासों से भी स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।