भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 14 फरवरी 2022 की सुबह 5.59 बजे अपने सबसे भरोसेमंद रॉकेट PSLV-C52 से इस साल की पहली लॉन्चिंग सफलतापूर्वक उड़ान भरी। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने मिशन को पूरा करने के लिए टीम इसरो को बधाई दी। बतौर इसरो प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ का भी यह पहला मिशन था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएसएलवी सी52 मिशन के सफल प्रक्षेपण पर भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई दी है। एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा -“पीएसएलवी सी52 मिशन के सफल प्रक्षेपण पर हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई। ईओएस-4 उपग्रह से कृषि, वानिकी और बागान, मिट्टी में नमी और जल विज्ञान सहित बाढ़ के जोखिम वाले स्थानों का मानचित्र बनाने में सभी मौसमी परिस्थितियों में प्रासंगिक हाई रिजोल्यूशन इमेजेस प्राप्त होंगी।”
रॉकेट ने को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्चपैड संख्या एक से अंतरिक्ष की ओर रवाना किया गया। लॉन्च की प्रक्रिया सुबह 4.29 बजे शुरु हो गई थी।
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ये भारत द्वारा छोड़ा गया 41वां अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट था। पहला ऐसा सैटेलाइट 7 जून 1979 को छोड़ा गया भास्कर-1 था। EOS-4 यानी RISAT-1A को जमीन से 529 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में स्थापित किया गया है। अब आपको बताते हैं कि इस बार का लॉन्च इतना महत्वपूर्ण क्यों था। यह सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया 80वां लॉन्च व्हीकल था. यह PSLV रॉकेट की 54वीं उड़ान और एक्सएल विन्यास में पीएसएलवी की (6 स्ट्रैप-ऑन मोटर्स) 23वीं सफल उड़ान थी।
ISRO ने पिछले साल अपने प्लान में यह बताया था कि वह जुलाई 2021 में EOS-4/RISAT-1A सैटेलाइट को PSLV-C52 रॉकेट से लॉन्च करेगा। यह एक माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट है। लेकिन कोरोना काल की वजह से यह लॉन्चिंग टलती चली गई. अब जाकर इसकी लॉन्चिंग हुई।
इस सैटेलाइट के साथ दो और सैटेलाइट भी भेजे गए हैं- पहला- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंट एंड टेक्नोलॉजी के स्टूडेंट्स द्वारा बनाया गया INSPIREsat-1 और दूसरा इंडिया-भूटान ज्वाइंट सैटेलाइट INS-2B.का अग्रदूत है।