विश्वभर में संयुक्त राष्ट्र मिशन के भारतीय शांतिरक्षक कोविड-19 के दौरान उत्पन्न खतरे के बावजूद स्थानीय समुदायों को आवश्यक मानवीय और स्वास्थ्य सहायता प्रदान कर रहे हैं। दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (यूएनएमआईएसएस) में शांतिरक्षकों ने खोर अदर में एक महत्वपूर्ण सड़क चौराहे की मरम्मत की है, जिससे बुंज और मेल्यूत के बीच एक बार फिर सम्पर्क स्थापित हो गया है।
यूएनएमआईएसएस ने ट्वीट किया, ‘‘ यूएनएमआईएसएस कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद दक्षिण सूडान में स्थानीय समुदायों को मदद मुहैया करा रहे हैं। भारत से हमारे शांतिरक्षक ने एक महीने के अंदर एक प्रमुख चौराहे की मरम्मत कर दी है, जिससे मलाकाल के दो बड़े शहरों के बीच सड़क चालू हो गई है।’’
यूएनएमआईएसएस की एक रिपोर्ट में कमान अधिकारी लेफ्टिनेंट-कर्नल एमपीएस घई के हवाले से कहा कि हाल ही में आई बाढ़ में पांच किलोमीटर लंबा प्रमुख चौराहा क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे बंत और मेल्युत के बीच सम्पर्क टूट गया था। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें पता था कि हमें उनकी मदद करने के लिए जल्द से जल्द कुछ करना होगा।’’ रोडवेज के पुनर्वास ने क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय समुदायों के लिए स्थितियों में सुधार करने में मदद की
और मानवीय सहायता को तेजी से उन तक पहुंचाने में सक्षम बनाया। घई ने कहा कि हमें भारतीय कर्मियों द्वारा दिखाई प्रतिबद्धता पर गर्व है, जिस तरह ‘‘उन्होंने अतिरिक्त घंटे काम किया और खराब मौसम में बिना कोई शिकायत किए अपनी सेवाएं दी। ’’ मलाकाल के स्थानीय अधिकारी यूएनएमआईएसएस शांतिरक्षकों का शुक्रिया अदा करते हैं।