भारतीय नौसेना ने रूसी नौसेना के साथ अरब सागर में मिसाइल विध्वंसक का किया अभ्यास

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सेनाओं के हथियार भारत में ही बनकर हो रहे तैयार

भारतीय की तीनों सेनाएं आधुनिक हथियारों से लैस होती जा रही हैं। पहले ज्यादातर सामानों के लिए हम लोग विदेशी मुल्कों पर निर्भर होते थे मगर अब सेनाओं के हथियार भारत में ही बनकर तैयार हो रहे हैं। भारतीय नौसेना के लिए स्वदेशी रूप से डिजाइन मिसाइल विध्वंसक, आईएनएस कोच्चि को अरब सागर में रूसी नौसेना के साथ अभ्यास किया। इस तरह के युद्धाभ्यास रणनीतिक और कूटनीतिक तरीके से भी बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इसमें सामरिक कार्य-नीति, क्रॉस-डेक हेलीकॉप्टर परिचालन और पोत कौशल से संबंधित गतिविधियां शामिल थीं।

दुश्मनों के होश उड़ा देने वाली मिसाइल

मिसाइलों और पनडुब्बी रोधी रॉकेटों से लैस स्वदेश में निर्मित ‘स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक को अभी हाली ही में भारतीय नेवी में जोड़ा गया है। यह पूरी तरह से स्वदेशी है और दुश्मनों के होश उड़ा देने वाली मिसाइल है। इसका निशाना एक दम अचूक है। 163 मीटर लंबे युद्धपोत में 7,400 टन का पूर्ण भार विस्थापन और अधिकतम गति 30 समुद्री मील है। परियोजना की कुल स्वदेशी सामग्री लगभग 75 प्रतिशत है। ‘फ्लोट’ और ‘मूव’ श्रेणियों में असंख्य स्वदेशी उपकरणों के अलावा, विध्वंसक को प्रमुख स्वदेशी हथियारों के साथ भी स्थापित किया गया है। इसकी डिलीवरी भारत सरकार और भारतीय नौसेना द्वारा भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्षों के हिस्से के रूप में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर दिए जा रहे प्रोत्साहन की पुष्टि है।