आयकर विभाग ने लोहा और इस्पात उत्पादों, बुनियादी ढांचे, सीमेंट, पॉली फैब्स, एग्रो-टैक और खाद्य प्रसंस्करण आदि के कारोबार में लगे आसनसोल आधारित दो प्रमुख समूहों पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। इन समूहों के पश्चिम बंगाल स्थित 30 से अधिक परिसरों में तलाशी कार्रवाई की गई।
एसडी कार्ड, व्हाट्सएप चैट आदि में संग्रह किए गए दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के रूप में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक सबूत मिले हैं, जिन्हें जब्त किया गया है। तलाशी ले रही टीम ने यह भी पता लगाया है कि एसडी कार्डों का बेहिसाब बिक्री के समानांतर सेट का विवरण, वास्तविक उत्पादन डेटा की एक्सेल शीटों, समानांतर मिलान खातों की फाइलों तथा विभिन्न पार्टियों को किए गए नकद भुगतान के विवरणों आदि को रखने के लिए उपयोग किया गया है।
जब्त किए गए एसडी कार्ड और संबंधित सबूतों के प्रारंभिक विश्लेषण से यह पता चला है कि इस बेहिसाबी नकदी राशि का रखरखाव निदेशकों के प्रमुख कर्मचारियों और संस्थाओं के मालिकों द्वारा किया गया है। एक समूह के प्रमुख व्यक्तियों ने यह भी स्वीकार किया है कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान अपनी विनिर्माण इकाइयों से बेहिसाबी नकदी बिक्री के माध्यम से 66 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब आय जुटाई गई है। कुछ अन्य संस्थाओं में अप्रमाणित खरीद के दावों से संबंधित सबूत भी मिले हैं। ऐसी खरीदारी में 20 करोड़ रुपये की खरीदारी को निदेशकों ने अघोषित आय के रूप में स्वीकार किया है।
दूसरे समूह के जब्त किए गए सबूतों के विश्लेषण से पता चला है कि एंट्री ऑपरेटरों द्वारा चलाई जा रही अनेक कागजी कंपनियों का इनके प्रमुख कारोबार में आवास प्रविष्टियां प्रदान करने के लिए उपयोग किया गया है। इन मुखौटा इकाइयों को समूह के बेहिसाबी धन को शेयर पूंजी/गैर-जमानती ऋण को इन संस्थाओं की लेखा बही की प्रविष्टियों की आड़ में वापस करते हुए पाया गया है। इन संबंधित कंपनियों के निदेशकों द्वारा स्वीकार करने से इस बात की पुष्टि हुई है कि ऐसी रूटिंग राशि की मात्रा 40 करोड़ रुपये से अधिक है।
इस तलाशी कार्रवाई ने इन समूहों द्वारा बेहिसाब नकद ब्रिकी, फर्जी खरीदारी के दावों के माध्यम से अपने खर्चों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने और आवास प्रविष्टियों के माध्यम से बेहिसाब आय को रूटिंग करने जैसे कर चोरी के विभिन्न तरीकों के अपनाए जाने का पता चला है।
तलाशी अभियान में 2 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी और आभूषण भी जब्त किए गए हैं और अब तक कुल 125 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब आय का भी पता चला है। आगे की जांच जारी है।