बिहार के सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग होने के बाद बुधवार (21 जून) को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की.
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बुधवार 21 जून को केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह से मुलाकात करने के लिए उनके आवास पर पहुंचे. दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हुई इस मुलाकात में जीतन राम मांझी के बेटे और ‘हम’ प्रमुख संतोष सुमन भी शामिल रहे.
गृह राज्य मंत्री और बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता नित्यानंद राय भी अमित शाह के आवास पर मौजूद थे. ‘हम’ संरक्षक जीतन राम मांझी 19 जून को बिहार के सत्तारूढ़ महागठबंधन से अलग हो गए थे. इसके बाद सभी विकल्पों पर विचार करने की बात कहकर वह बेटे संतोष सुमन के साथ दिल्ली आ गए थे.
सूत्रों के मुताबिक, पिता और पुत्र दिल्ली में दो दिन से इस मुलाकात के लिए इंतजार कर रहे थे लेकिन गृह मंत्री अमित शाह को समय नहीं मिल पा रहा था. इसके बाद बुधवार को उनकी मुलाकात संंभव हो पाई. इस बैठक में क्या विचार-विमर्श हुआ, अभी इस बारे में अपडेट आना बाकी है.
19 जून को बिहार से दिल्ली के लिए निकलने से पहले पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए संतोष सुमन ने कहा था, हम लोगों पर दबाव डाला गया था कि अपनी पार्टी को मर्ज कर लें. इसके बाद पार्टी की कोर कमेटी की बैठक की गई. बैठक में सभी ने एक सुर में बोला कि पार्टी को मर्ज नहीं करना है, अपनी पार्टी की स्थिति बनाकर रखना है.
उन्होंने कहा था, सभी के विचार जानने के बाद हमने फैसला किया कि हमें मंत्रिपरिषद से अलग हट जाना है और 13 तारीख को हम अलग हटे. उसके बाद सवाल था कि आगे क्या करें? इसीलिए ये बैठक रखी गई.
उसी दौरान मीडिया से बात करते हुए संतोष सुमन ने कहा था, बैठक में बहुत सारे बिंदुओं पर चर्चा हुई, चाहे पार्टी का विस्तार हो, आने वाले समय में हम किस और जाएंगे, हमारा गठबंधन किससे हो, हम अकेले चुनाव लड़ें या थर्ड फ्रंट बनाकर लड़ें, सब बातों पर विस्तार से चर्चा हुई है.. सब सदस्यों का एक ही विचार आया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष और संरक्षक महोदय का जो विचार होगा, सभी कार्यकर्ता उसे मानेंगे.
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उन्होंने कहा था, हम लोग दिल्ली जा रहे हैं, दिल्ली में ऐसा नहीं है कि हम लोगों ने फैसला ले लिया है, हमारे विकल्प खुले हुए हैं. अगर एनडीए से बुलावा आया तो उनके नेताओं से भी बात करेंगे. हम थर्ड फ्रंट की बात करेंगे, समान विचारधारा वाले दलों, एनजीओ और कार्यकर्ताओं से भी बातचीत करेंगे.